माई माल इतना दीजीए, जो घर मे न समाय । IT को पता न चले, नहीं तो रेड पङ जाए ।। ज्योतिषी हुआ तो क्या हुआ, जैसे ठग मशहूर । सिद्धांत का पता नहीं, भविष्यवाणी अति दूर ।। रात गवाई राशि रटि, दिवस गवाया रट्ट ग्रह चाल । भोर मूर्ख एक ऐसा लुटिए, दमङी बचे न खाल ।। ...
ज्योतिषी दोहे
ज्योतिषी दोहे