ज्योतिष पूर्णतः एक अन्धविश्वास है यह केवल प्राचीन मान्यताओँ और धारणाओँ पर आधरित है। इसके सिद्धान्त/सूत्र/नियम किसी भी प्रकार से विज्ञान पर आधारित नहीँ है यह एक सिद्धान्तहीन विषय है। कई वर्षो तक ज्योतिष का अध्ययन एवं सिद्धान्तों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषण करने के पश्चात भी इस मे ऐसा कोई भी सिद्धान्त नहीँ मिला जो सही हो और जिससे किसी भी व्यक्ति के भविष्य से सम्बन्धित घटना के बारे मे सटीक बताया जा सकता है। ग्रहों का कोई ऐसा कोई प्रभाव नहीं होता है जो व्यक्ति के भूत वर्तमान व भविष्य को प्रभावित करता है न ही ग्रह ज्योतिष के सिद्धांत अनुसार कार्य करने को बाध्य है। अतः ज्योतिष एक प्रकार का माध्यम है जो समाज के एक वर्ग विशेष द्वारा समस्त समाज को अन्धविश्वासी बनाये रखने के साथ उसे रूढ़िवादिता की ओर धकेलने का कार्य करता है।
ज्योतिष अन्धविश्वास के आधार पर खङा किया गया ठगी का धन्धा मात्र है इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। ज्योतिष विषय पर अपने 21 वर्ष से अधिक के गहन अध्ययन के पश्चात मैने एक भी सिद्धांत ऐसा नहीं पाया जो सही हो। राशि स्वामी, ग्रहों के उच्च नीच, दृष्टि, मूल त्रिकोण, मित्रता शत्रुता, दशा अन्तर्दशा आदि सभी मूल सिद्धांत बोगस है और ब्रम्हांड की गलत जानकारी के आधार पर बनाए गए थे जो आज के ब्रम्हांड के ज्ञान के परिपेक्ष्य मे कहीं से भी सही नहीं है। ग्रहों का ऐसा कोई प्रभाव नहीं होता है जो मनुष्य के जीवन के दैनिक कार्य - शिक्षा, नौकरी, व्यापार, स्वास्थ्य, धन सम्पति विवाह, सन्तान, आय व्यय, लाभ हानि, आयु आदि - विषयों को प्रभावित करने मे सक्षम हो। यदि ग्रहों का वास्तव मे ऐसा कोई प्रभाव होता जो मनुष्य के भूत वर्तमान भविष्य को प्रभावित करता हो तो आज के विज्ञान ने उसकी खोज कर ली होती।
फलित ज्योतिष पूर्णतया बोगस है इसमे एक भी सिद्धांत सही नहीं है जिससे किसी भी व्यक्ति के भविष्य मे घटने वाली घटना के बारे मे पहले ही स्टीक बताया जा सकता हो। ज्योतिष की सत्यता और प्रमाणिकता के विषय पर हजारो ज्योतिषीयों से चर्चा करने के पश्चात एक भी ज्योतिषी कोई सही सिद्धांत नहीं बता पाया जो सही हो व जिससे किसी भी व्यक्ति के भूत भविष्य से सम्बन्धित किसी भी घटना के बारे मे वर्तमान मे ही सही व सटीक बताया जा सकता है इसलिए ज्योतिष केवल एक ठगी का धन्धा मात्र है। अपने इस ब्लाग मे आपको बताया जाएगा कि ज्योतिष कैसे बोगस है और ज्योतिषी किस प्रकार बोगस सिद्धांतो से आपको मूर्ख बनाकर लूट रहें है।
ज्योतिष के सिद्धांत किस प्रकार से बोगस है इसकी जानकारी इस ब्लाग पर दी जाएगी/रही है। यदि आप ज्योतिष के सिद्धांतो को बनाए जाने के आधार के विषय मे अधिक विस्तारपूर्वक जानना चाहते है तो आप श्री सनत जैन द्वारा लिखित इन पुस्तकों को पढ़ सकते है। पुस्तक हिन्दी और अन्ग्रेजी दोनो भाषाओं मे उपलब्ध है - हिन्दी मे पुस्तक का नाम है "ज्योतिष कितना सही कितना गलत" और अन्ग्रेजी मे "Astrology a science or myth" नाम से उपलब्ध है। ज्योतिष के इतिहास मे यह ज्योतिष पर पहली खोजपूर्ण पुस्तक है जिसमे ज्योतिष के सिद्धांतो के बनाए जाने के आधार व प्रक्रिया की जानकारी तर्क व तथ्यपूर्ण रुप से दी गई है जो कि अब तक न ज्ञात थी न ही ज्योतिष के प्राचीन शास्त्रों मे उसका कहीं उल्लेख किया गया है।

यह Blog किसी भी धर्म, जाति, सम्प्रदायव्यक्ति, ज्योतिषी अथवा धार्मिक मान्यता आदि के विरोध में न हो कर केवल ज्योतिष के अन्धविश्वास को सामने ला कर समाज मे जागृति लाने का प्रयास कर रहा है जिससे की नई पीढ़ी को ज्योतिष जैसे अन्धविश्वास से बचाया जा सके और भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 A H के अनुरूप समाज में वैज्ञानिक चेतना बढ़ाई जा सके - उसी दिशा मे प्रयासरत।

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