ज्योतिषीयो ने - "हर समस्या का समाधान" - ऐसे लिखा होता है जैसे ज्योतिषी न हुए भगवान हो गए ! स्वयं की समस्या का समाधान पता नहीं है और दूसरो की करने चले है अपने भविष्य का पता नहीं दूसरो का ऐसे बता रहे होते है जैसे उन्होने ही लिखा हो - इसे कहते है ठगी का धन्धा। देश मे असंख्य ज्योतिषी है और हर दिन अनेक शिक्षण संस्थानो व अन्य जगह से ज्योतिषी निकल रहे है ज्योतिष की डिग्री लेकर - अर्थात हर समस्या का समाधान लेकर - लेकिन फिर भी सभी की समस्याएं जस की तस है। न तो देश मे बेरोजगारी मिटी है न गरीबी दूर हुई है, न बीमारियां, न विवाह मे अङचने, न आर्थिक समस्या दूर हुई है ऐसी ही अनेक समस्याएं है जिनका उल्लेख करने की आवश्यकता ही नहीं है जिन मे से किसी एक का भी समाधान कोई भी ज्योतिषी नहीं कर पाये है। ज्योतिषीयो द्वारा इसके प्रत्युतर मे यह तर्क भी दिया जा सकता है कि देश मे डाक्टर वैज्ञानिक अर्थशास्त्री आदि होते हुए भी समस्याएं बनी हुई है। जिसे आप आंख मूंद कर मान लेते है बिना यह विचार किए कि उनके पास ज्योतिषीयो की तरह - हर समस्या का समाधान - नाम की जादू की छङी तो है नहीं जिसे घुमाते ही समस्या समाप्त हो जाए। उनके समक्ष अनेक प्रकार की चुनौतियां है जिसे उन्हे पार पाना होता है उन चुनौतियों मे सबसे बङी चुनौती तो स्वयं अन्धविश्वास ही है। धन, विवाह, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यावसाय, शिक्षा, सम्पति आदि अनेक विषय व्यक्ति को व्यक्तिगत प्रतीत हो सकते है लेकिन यह सभी विषय और इनसे जुङी समस्याएं पूरे विश्व की है। आपके मन मे यह विचार भी आ रहा होगा कि विश्व की समस्याओं के लिए विभिन्न देश मे वहां की सरकार है जो चुनी ही इसीलिए जाती है। परन्तु किसी भी देश की सरकार को सभी विषयो के समाधान करने के लिए अपने पास उपलब्ध संसाधनो पर विचार करना पङता है। यदि पर्याप्त संसाधन उपलब्ध न हो तो उसको उपलब्ध करवाना पङता है उसके पश्चात ही किसी विषय की पूर्ति हो सकती है। हर देश की अपनी अर्थव्यवस्था होती है आर्थिक स्थिति भिन्न होती है और संसाधान भी सीमित होते है इसलिए किसी भी अर्थव्यवस्था/देश के लिए धन, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यावसाय, शिक्षा आदि विषयो का समाधान करना सरल नहीं होता है। लेकिन ज्योतिषीयो के लिए स्थिति बहुत ही सरल है उन्हे केवल समस्या से सम्बन्धित ग्रह को पहचाकर उसका कोई उपाय/टोटका आदि ही करना है। ज्योतिषी/ज्योतिष अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की किसी भी प्रकार की समस्या के लिए कोई न कोई ग्रह जिम्मेवार होता है और समस्या से सम्बन्धित ग्रह का उपाय - यन्त्र मन्त्र रत्न टोटके आदि से कर समाधान किया जाता है। जब टोटके रत्न यन्त्र मन्त्र आदि किसी एक व्यक्ति को नौकरी दिलवा सकते है, तो अनेक को भी दिलवा सकते है। कोई महामारी आर्थिक मन्दी आदि तो है नहीं जिसकी रोकथाम करना आसान नहीं होता हालांकि ज्योतिषीयो के अनुसार वह भी ग्रहो के कारण ही होती है यह बात अलग है कि तब कोई ज्योतिष का टोटका काम नहीं करता उल्टे ज्योतिषीयो का ठगी का धन्धा और बढ जाता है। व्यक्ति उस से बचाव के लिए ज्योतिषीयो के पास जाते है और उनके बताए टोटके करना प्रारम्भ कर देते है बिना इस पर विचार किए कि कोई टोटका बचा सकता तो समस्या आती ही क्यों।
मैं तो यही मानकर चलता हूं कि हर समस्या का समाधान, टोटके यन्त्र मन्त्र रत्न आदि से लाभ हो रहा होगा तभी ज्योतिषी के पास जाते है। परन्तु यहां पर मैं भी थोङा सा असमंजस मे हूं - जब आपको नौकरी का टोटका करने से नौकरी मिल जाती है, व्यापार का टोटका करने से व्यापार चल पड़ता है और लक्ष्मी का टोटका करने से धन प्राप्ति होती है ! तो सीधे ही धन प्राप्ति के टोटके क्यों नहीं करते है बजाय नौकरी व्यापार आदि के करने के - नौकरी व्यापार करके भी तो धन ही कमाना है ! जब धन प्राप्ति का ही टोटके है तो वही क्यों न किए जाएं। टोटके भी बहुत सरल है आधा काम तो झाङू ही कर देगा। झाङू से धन प्राप्ति के इतने सरल टोटके है कि उनको सभी कर सकते है और आसानी से करोङपति न सही, लखपति तो बन ही जाएगें। जिनको लाभ न हो वह कोई अन्य टोटका आजमा ले जिस टोटके से धन प्राप्ति हो जाए वह करते रहे। इसी तरह से सन्तान प्राप्ति का टोटका है तो विवाह की भी क्या आवश्यकता है टोटका करो और पुत्र/पुत्री हाजिर - अब यह मत कहना कि बिना विवाह के संतान सम्भव नहीं है - इस पर मेरा उतर यह है कि टोटके को थोङी पता होता है कि उसे विवाहित व्यक्ति कर रहे है कि अविवाहित - उसे तो संतान प्राप्ति के लिए बनाया गया है जो उसका काम है। टोटके को जिस किसी भी कार्य के लिए बनाया गया है और वह कार्य करने मे सक्षम है तो फल की प्राप्ति निश्चित रुप से होनी चाहिए फिर कोई भी व्यक्ति करे. कुछ समय पश्चात और भविष्य मे डाक्टर वैज्ञानिक आदि बनने के टोटके भी उपलब्ध होंगे - ऐसा इसलिए कि जिस प्रकार से आप स्वयं अपने बच्चो को भाग्यवादी विचारो के साथ कर्महीन बना रहे है ऐसे मे उनसे पुरुषार्थ कर जीवन मे सफलता प्राप्त करने की उम्मीद करना निरर्थक ही है। हालांकि यह टोटके अभी भी है और अपरोक्ष रुप से किये जा रहे है जैसे कि ज्योतिषी ने डाक्टर बनने का योग तो बना दिया लेकिन और पैसे ठगने के लिए किसी ग्रह की अङचन बता दी, जिसे दूर करने के लिए टोटका/उपाय भी करवा ही देते है। जैसे कि आप किसी ज्योतिषी से प्रश्न करते है कि अमुक कार्य होगा या नहीं और ज्योतिषी भी कह देते है कि कार्य तो हो जायेगा परन्तु आजकल दशा ठीक नहीं चल रही है, अमुक ग्रह अङचन डाल रहा है। इस पर आप ने भी हामी भरते हुए अङचन दूर करने के लिए ग्रह का उपाय पूछने लगते है क्योंकि हर व्यक्ति स्वभाविक रुप से अपनी जीवन मे आने वाली हर बाधा को दूर करना चाहते है। परन्तु आपने कभी इस बात पर विचार किया है कि ग्रह जो कार्य को होने का योग बना रहे है वही ग्रह अपने ही बनाए हुए योग मे व्यावधान किस कारण से उत्पन्न करेगें ऐसा करके उन्हे क्या हासिल हो जायेगा यह तो ठीक वैसा ही है कि आपने अपने घर तक गाङी ले जाने लायक सङक बनाई फिर उसी मे गढ्ढे बना दिए अथवा अपनी पसन्द के पकवान बनाए और आपसे पहले ही कोई खा न जाए इसलिए नमक मिर्च ज्यादा डाल दिया। किसी कार्य के होने/न होने के पीछे ग्रह नहीं है आपकी अपनी मेहनत और लगन है जिसके महत्व को नकार कर आप ज्योतिषीयो के चक्कर लगाकर ऐसे ग्रहो को प्रसन्न करने मे अपना कीमती समय नष्ट कर देते है जिनका वास्तव मे व्यक्ति के किसी भी कार्य से सम्बन्ध ही नहीं है - सम्बन्ध ज्योतिषीयो ने बना दिया है आपके अन्धविश्वास व अज्ञानता का लाभ उठाकर अपने ठगी के धन्धे के लिए। व्यक्ति को केवल तभी ठगा जा सकता है जब उसे उसके बारे मे ज्ञान न हो और वह अपनी बुद्धि का प्रयोग करने की बजाय ठग की बात पर ही विश्वास कर ले तो वह ठगा ही जाएगा।
हर समस्या का समाधान की तख्ती लटकाकर घूमने वालो ज्योतिषीयो से कभी आपने यह प्रश्न किया है कि उन्होने अपनी परिवार मित्रो आदि की कितनी समस्याओ का अन्त किया है ? इसके उतर मे कोई हां कहे तो देश मे हर व्यक्ति की समस्याएं - भुखमरी गरीबी रोजगार स्वास्थ्य शत्रु भ्रष्टाचार आदि - ज्यों की त्यों बनी हुई है इनका समाधान क्यों नहीं करते। ज्योतिषीयो द्वारा हर समस्या समाधान के नाम पर हजारो लाखो रुपये ऐंठे जाते है लेकिन सभी की समस्याएं तो जस की तस बनी हुई है उनमे तो कोई कमी नहीं दिखाई देती है लेकिन फिर भी ज्योतिषीयो का धन्धा फल फूल रहा है वह इसलिए कि व्यक्ति इतने अन्धविश्वासी हो गए है कि जरा सी ऊंच नीच हुई नहीं कि पहुंच गए ज्योतिषी के द्वारा जिनमे ऐसे व्यक्तियो की संख्या कहीं अधिक होती है जो कौवे की कांव कांव को भी अपशकुन मानते हुए ज्योतिषीयो के द्वारा पर मिलते है तो ऐसे व्यक्तियों के लिए ज्योतिषी भी हर समस्या का समाधान की तख्ती लगाकर क्यों न घूमे। जो ज्योतिषी हर समस्या का समाधान करने मे समर्थ है और जिसने आपकी हर समस्या का समाधान किया है ऐसे ज्योतिषी की सिफारिश आपको भारत सरकार से करनी चाहिए जिससे कि सरकार एक नये मन्त्रालय जिसका नाम हर समस्या समाधान रखकर ज्योतिषीयो को समाधान मन्त्री नियुक्त किया जा सके। मेरा सुझाव है कि उस मन्त्रालय मे कार्यरत हर व्यक्ति ज्योतिषी ही होना चाहिए जिससे देश की अनेक समस्याओ के साथ प्रत्येक व्यक्ति की हर समस्या का समाधान तुरन्त प्रभाव से किया जा सके।

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