सभी मित्र जो ज्योतिष पर
विश्वास करते है और जिन्हे लगता है कि ज्योतिष सही है वह यह कार्य करें -
• जब भी किसी ज्योतिषी के पास जाए तो उन्हे
केवल अपनी या जिसकी कुंडली दिखानी हो उसकी जन्म तिथि समय स्थान ही बताए।
• आप यह भी नहीं बताएगें कि यह कुंडली
किसकी है, पुरुष है या स्त्री, आपकी
अपनी है कि किसी अन्य की - कुछ भी नहीं।
• प्रश्न करते समय आप स्वयं ही बहुत सी
जानकारी ज्योतिषी को दे देते है - इस से बचे।
• प्रश्न इस तरह से करे कि किसी भी प्रकार
की जानकारी ज्योतिषी को न दी जाए।
• ज्योतिषी कुंडली सही है कि नहीं यह जानने
के बहाने आप से भूतकाल की बाते पूछेगें आपको वह भी नहीं बतानी है। यदि ज्योतिषी
कहे कि मैं कैसे यकीन करुं कि कुंडली सही है, तो आप यह कहें
कि निश्चिंत रहिए कुंडली बिल्कुल सही है।
• यदि आपकी कुंडली बनी हुई भी हो तो कोशिश
करे कि उस मे से जन्म तिथि व समय नोट कर ज्योतिषी को बताए क्योंकि कुंडली मे
पुरुष/स्त्री लिखा होता है।
• अपने बारे मे कोई जानकारी जैसे शिक्षा,
नौकरी व्यावसाय आदि की जानकारी नहीं दे। यदि ज्योतिषी पूछे तो कहें
कि कुंडली देखकर पता कर लें।
• ज्योतिषी जो भी बताए उसमे अपनी सहमति या
असहमति भी नहीं जताएं ऐसा करने से ज्योतिषी को आपके बारे मे बहुत सी जानकारी मिल
जाती है।
• याद रहे कि आप केवल प्रश्न पूछ सकते है
परन्तु बिना अपने बारे मे परोक्ष/अपरोक्ष रुप से कोई जानकारी दिये।
• ज्योतिषी भविष्यवाणियो का आरम्भ आपके
व्यक्तित्व गुण स्वभाव प्रकृति आदि से करते है आपके बारे मे जानने के लिए उस मे भी
अपनी सहमति/असहमति नहीं दें इस तरह से ज्योतिषी को आपके बारे मे बहुत सी जानकारी
मिल जाती है।
• प्रश्न सीधे ही करे - जैसे कि
शिक्षा के बारे मे प्रश्न करते समय यह बिल्कुल न बताए कि वर्तमान मे क्या शिक्षा
है, कौन सा स्ट्रीम आदि। नौकरी के बारे मे प्रश्न करते समय
यह बिल्कुल न बताएं कि कौन सी नौकरी की तैयारी की थी पर रह गए या अभी क्या कर रहे
है आदि।
• उदाहरण के लिए - आपके सन्तान नहीं है और
डाकटरो से निराशा ही हाथ आई है तो इसका प्रश्न करते समय ज्योतिषी को डाक्टर ने
क्या कहा, मेडिकल रिपोर्ट क्या कहती है आदि कुछ भी न बताएं।
यदि आपने बता दी तो वह जान लेने के बाद ज्योतिषी आपकी कुंडली मे सन्तान प्रतिबन्धक
योग बना देगा जिसके उपाय के नाम पर हजारे नहीं बल्कि लाखो रुपये तक ऐंठे जा सकते
है. और लाभ न होने पर बहाना - आस्था और श्रद्धा।
• जिस व्यक्ति की भी कुंडली दिखा रहे
हो, उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी देने से बचे - माता
पिता भाई बहन आदि, वह क्या करते है इत्यादि भी।
• किसी ऐसे ज्योतिषी के पास जाए जो
आपको किसी भी रुप से पहले से न जानता हो। यदि अपने किसी मित्र के साथ जा रहे हो तो
उसे भी नहीं जानता हो।
• अपने बारे मे गुण स्वाभाव प्रकृति - दो
कान एक नाक दो आंख जैसी बाते सुन कर प्रसन्न नहीं हो वह बाते आप स्वयं भी अपने
बारे मे जानते है - याद रहे ज्योतिषी दिन मे सैंकङो व्यक्तियो से मिलते है इसलिए
वह व्यक्ति के हाव-भाव पढ़ने मे माहिर होते है।
• बहुत से व्यक्ति ऐसे होते है जो ज्योतिषी
को ज्यादा जानकारी नहीं देते है ज्योतिषी का ज्योतिषीय ज्ञान परखने के लिए। यह बात
ज्योतिषी भी अच्छी तरह से जानते है इसलिए उन्हे अच्छी तरह से पता होता है कि ऐसे
व्यक्ति से जानकारी किस तरह से निकलवाई जाती है अतः सावधानी बरतें।
• ज्योतिषी की कही १० बातो मे से २-३ सही
हो ही जाती है - जो कि सामान्य बात है (ज्यादातर व्यक्तियो के स्वयं ही अपने बारे
मे बता देने के कारण) यदि जानकारी नहीं भी दी है तो भी १-२ बाते सच हो जाए,
तब भी ज्योतिष को सही व ज्योतिषी को बहुत बङा विद्वान समझने के भूल
मत करिए. १०० व्यक्तियो से के किसी १० के बारे मे १-२ बाते आप भी सही बता सकते है.
परन्तु उन ८ बातो पर भी गौर करे जो सही नहीं थी।
• २-३ तुक्के यदि सही भी लग गए तो व्यक्ति
आवेश मे आकर और अधिक जानने के चक्कर मे प्रश्न करने के नाम पर बहुत कुछ बताना आरम्भ
कर देते है, परोक्ष/अपरोक्ष रुप से - इस नादानी से बचे।
• बहुत से व्यक्तियो को लगता है कि उन्होने
तो अपने बारे मे कुछ भी नहीं बताया था तब भी ज्योतिषी ने सही बता दिया - यह केवल
भ्रम होता है ज्योतिष में ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जिससे सही भविष्य बताया जा सकता
हो अत: कोई भी ज्योतिषी सही भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कुछ सामान्य बातो को
मनोवैज्ञानिक रूप से भविष्यवाणी समझ लिया जाता है - कारण उपरलिखित है।
• सामान्य ज्ञान व भविष्यवाणी मे अन्तर
समझे भूतकाल की बताई गई बाते सामान्य ज्ञान होती है भविष्यवाणी नहीं। किसी अनिश्चित
घटना का निश्चित समय करने को भविष्यवाणी कहते है।
• योग है या हो सकता है - इन शब्दो के
प्रयोग से ज्योतिषी व्यक्ति को भ्रमित करते है और व्यक्ति भी किसी बात को जो
"योग है" "अथव हो सकता है" शब्दो पर समाप्त होती हो, भविष्यवाणी समझ लेते है। जब्कि योग है - तो फलित होगा ही, हो सकता है - तो होगा ही, यह आवश्यक नहीं. ऐसी ही
गोल-मोल भविष्यवाणिया की जाती है जो सही न होने पर ज्योतिषीयो को साफ बचा ले जाती
है।
• इन सब बातो को पढ़ने व विचार करने के
पश्चात यदि आपको यह लगता है कि ज्योतिषी के पास जाकर जन्म तिथि समय स्थान आदि
बताकर चुपचाप बैठ जाना चाहिए और यदि वह एक भी बात सही बता दे तो ज्योतिष सही है और
ज्योतिषी विद्वान - यह समझने की भूल कभी नहीं करे. क्योंकि इस ठगी के धन्धे मे
माहिर ज्योतिषीयो को हर चाल पता होती है(अनेक दाव होते है जिनके बारे मे व्यक्ति
नहीं जानता है) ऐसी स्थिति मे वह बिल्कुल सामान्य बाते कहेगें जो सभी के लिए समान
होती है. यदि कोई भविष्यवाणी की भी - तो वह दूर की कौङी होती है।
• आपके आस पास के जितने भी ज्योतिषी है वह
सब मिले हुए होते है - एक ही थैली के चट्टे-बट्टे। इसलिए सामान्यत एक दूसरे का
कटाक्ष कभी नहीं करते है, क्योंकि उनका धन्धा है कटाक्ष किया
तो दूसरा चुप तो बैठैगा नहीं, बहुत से तो अपने पास आने वाले
व्यक्तियो की जानकारी - Name DoB Time place etc. भी रखते है
एक दूसरे के अदान-प्रदान के लिए - फिर भविष्यवाणी कैसे न सही हो।
• सदैव याद रखें कि ज्योतिष का ऐसा कोई
सिद्धांत नहीं है जिस से भविष्य ज्ञात होता है इसलिए किसी टुल्लेबाजी के सही होने
पर ज्योतिषी के ग्राहक बन गए, तो वह आजीवन आपको ठग कर लूटते
रहते है - घर की मुर्गी रोज अन्डा देती है जिस दिन नहीं दिया उस दिन ....!
• उपरोक्त बातो पर अमल करने के पश्चात भी
यदि कोई ज्योतिषी आपको ऐसा मिलता है जो सही भविष्यवाणी(टुल्लेबाजी) कर दे तो उसे
सादर इस ग्रुप मे
आमंत्रित करे - सभी मित्र व ज्योतिषी उसी की प्रतीक्षा मे है।
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