क्या अंधविश्वास से मुक्ति संभव है – अंधविश्वास से मुक्ति पाना इतना कठिन नहीं है जितना की समझा जाता है अंधविश्वास का उपाय ठीक सामने ही होता है लेकिन वह किसी कोई नजर नहीं आता है न ही कोई उसे देखना चाहता है लेकिन फिर उपाय सामने होते हुए भी कोसों दूर है और तब तक रहेगा जब तक व्यक्ति के अन्दर जिज्ञासा उत्पन्न नहीं हो जाती। अन्धविश्वास कोई वस्तु नहीं है जिसे किसी दरिया मे फेंक कर मुक्ति पाई जा सकती हो यह तो वह विचार है तो हमें सामान्यत पूर्वजों से विचारों के रुप मे ही प्राप्त होते है जिन पर उनके कारण पर विचार करके उनसे मुक्ति पाई जा सकती है।
अंधविश्वास का उपाय
• स्वयं पर विश्वास करें – अंधविश्वास से मुक्ति का एक मात्र उपाय हैं स्वयं पर विश्वास करना अपने कर्म पर विश्वास रखना जब तक आप अपने आप पर विश्वास नहीं करेंगे आपके लिए कोई कुछ नहीं कर सकता है दूसरों का अनुकरण करने की बजाय स्वयं के कर्म को महत्व दीजीए। आत्मविश्वास की कमी के कारण हमारा व्यक्तित्व पर नकारात्मक असर पड़ता है इसलिए अपने अन्दर आत्मविश्वास पैदा करें इस से आपके व्यक्तित्व मे भी निखार आयेगा किसी भी कार्य को आत्मविश्वास के साथ किया जाए तो सफलता निश्चित रुप से प्राप्त होती है। कठिन परिश्रम लगन और दृढ़ संकल्प से अपने पथ पर चलने वालों को मंजिल अवश्य ही मिलती है इसके लिए कोई टोटका काम नहीं आता है परिश्रम ही वो अंतिम टोटका है जो व्यक्ति को अपनी मंजिल तक पहुँचा सकता है।
• बुद्धि व विवेक का प्रयोग करे - किसी भी व्यक्ति की बातों मे आने से पहले अपनी बुद्धि का प्रयोग कर उसके पीछे के तर्क तथ्य पर विचार कर लें उसके पश्चात स्वविवेक से कोई निर्णय लें।
• अपने अंदर के डर को दूर करें – यह व्यक्ति का डर ही है जिसके कारण अन्धविश्वास जन्म लेता हैं मनुष्य को सबसे पहले अपने डर के सही कारण की तलाश करनी चाहिये और उस कारण के निवारण के बेहतर उपाय की तलाश करनी चाहिये। जब व्यक्ति किसी भी बात को लेकर अपने अंदर कमी महसूस करता है डर भी तभी महसूस होता हैं यदि मनुष्य उस कमी को पूरा कर दे तो उसके अन्दर का डर स्वत ही समाप्त हो जाता हैं और आत्मविश्वास उत्पन्न होता है जिस व्यक्ति मे आत्मविश्वास होता है उस पर अन्धविश्वास का साया नहीं होता है न ही उसे किसी प्रकार के अन्धविश्वास की आवश्यकता रहती है।
• कर्मठ बने - मनुष्य अगर कर्मशील हैं तो उसमे अंधविश्वास की कोई जगह नहीं होती है। अक्सर यह भी देखने मे आता है की जो हम चाहते हैं वो हमें नहीं मिलता है और हम उसे पाने के लिए अनेक प्रकार के यत्न करते है कई तरह के रास्ते अपनाते हैं यद्यपि उस वस्तु को पाने के लिए जो योग्यता स्वयं मे होनी चाहिए वह नहीं होती है और हम इस बात को कभी स्वीकार नहीं करते है जो हमारी असफलता के कारणो मे से एक है अपनी योग्यता परिश्रम लगन दृढ़ संकल्प के विषय मे विचार न करके सपफलता पाने के लिए अंधविश्वास का शिकार होकर ज्योतिष, टोटके, तंत्र मंत्र आदि पर विश्वास करते हुए इन्हीं के भरोसे बैठे रहते है जबकि व्यक्ति को सदैव अपने कर्म पर विश्वास करना चाहिये और उस रास्ते पर मिलने वाली सफलता एवं असफलता से सीखना चाहिये। हमें गलतियों से सीख कर आगे बढ़ना चाहिए और निकट भविष्य मे उन्हे दोहराने से बचना चाहिए।
• सच्चाई को सहजता से स्वीकार करें – जीवन मे अनेक ऐसे मोड़ आते है जहां पर हमे असफलता का मुंह भी देखना पड़ता है इस से हम निराश हो जाते हैं जबकि जीवन के उस मोड़ पर हमें आत्ममंथन करने की आवश्यकता होती है कि क्या वास्तव में हम जिस राह पर हैं, क्या वह राह सही है, क्या हम मे उतनी योग्यता और क्षमता है, क्या हम ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए पर्याप्त परिश्रम किया, कहाँ चूक हुए कहाँ कौन सी कमी रह गई आदि पर गहराई से विचार किया जाना चाहिए और जो भी निष्कर्ष निकल कर आए उसे सहजता से स्वीकार किया जाना चाहिए।
• वर्तमान को पहचाने – अपने भविष्य को जानने की बजाय उसे बनाने मे विश्वास रखें। ग्रहों का आपके भविष्य से कोई संबंध नहीं है न ही वह किसी का भविष्य बना सकते है यह व्यक्ति के स्वयं के कर्म और इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है की वह कैसा भविष्य देखना चाहता है। भूतकाल वर्तमान की नींव है और वर्तमान भविष्य की नींव है अतः अपने वर्तमान को पहचान कर उसे कर्म द्वारा सफल बनाकर भविष्य की नींव को सुदृढ़ कीजीए।
- यदि आप उपरोक्त उपायों पर अमल करते हुए इन्हें अपनाने का प्रयास करेंगे तो जल्द ही अन्धविश्वास से मुक्त हो जायेगें। अन्धविश्वास से मुक्ति के अन्य उपाय भी हो सकते है लेकिन उपाय चाहे कोई भी हो सबसे अधिक आवश्यक होता है आत्मविश्वास, इन्ही उपाय से मनुष्य में आत्मविश्वास बढ़ता है यह व्यक्ति का आत्मविश्वास ही है जो उसे सफलता के मार्ग पर अग्रसर करता है व्यक्ति को अन्धविश्वासी होने से बचाता है।
yes you are right
जवाब देंहटाएंSir meri mummy aajkal andhvishwas me bhut manti h ye paudha lgane se sukh aayega ye mantra bolne se Laxmi Mata khush hogi or pese aayenge phle to sb thik tha pr bhut jyada badh gya h is wajah se ghar ka mahol kharab ho gya h is chij pr mummy react krti h or gussa ho jati h is problem ka koi solution h kya
जवाब देंहटाएंThanks
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