• राशि चक्र(भचक्र) का अर्थ होता है जानवरों का वृत। Zodiac meaning is circle of animal.
• ज्योतिष के सिद्धांत सायन पद्धाति पर आधारित है और ज्योतिषी कुंडली बना रहे है निरयन से, इस प्रकार से आप समझ सकते है कि निरयन पद्धति से बनी कुंडली पर सायन पर आधारित सिद्धांत लगाकर सही भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।
• ज्योतिष मे लग्न कुंडली के सिवाए D9/30/D60 आदि कुंडली के लिए कोई सिद्धांत ही नहीं है अतः नवमांश आदि कुंडली मे ग्रहों की शुभ अशुभ स्थिति से मूर्ख बनाया जाता है। उदाहरण के लिए कोई ग्रह यदि लग्न कुंडली मे उच्च/स्वराशि मे है और नवमांश कुंडली मे नीच/शत्रु राशि मे है तो व्यक्ति की स्थिति अनुसार उसे लग्न या नवमांश से शुभ/अशुभ बना दिया जाएगा।
• निरयन आधारित अयनांश 24 पर बनाई जा रही कुंडली ही गलत है तथा सिद्धांत बोगस है और ज्योतिषी गलत कुंडली पर बोगस सिद्धांत लगाकर सही भविष्यवाणी का दावा कर आपको मूर्ख बना रहे है।
• ऋषियों ने 28 नक्षत्र बनाए थे जिनमे 14 नक्षत्र उतरायण के और 14 नक्षत्र दक्षिणायन के थे लेकिन ज्योतिषीयो ने 12 राशियों के मध्य नक्षत्रों के विभाजन के लिए नक्षत्रों की संख्या को 27 कर दिया और अंश भी एक समान कर दिए और ऋषियों के नाम पर मूर्ख बना कर ठगी का धन्धा कर रहें है।
• जन्म का सही समय कौन सा होता है यह कोई भी ज्योतिषी नहीं जानता है और जन्म समय सही करने के नाम पर हजारों रुपये ठगे जाते है।
• राहु केतु भारतीय ज्योतिष मे होते है और नेपच्यून यूरेनस प्लूटो पाश्चात्य ज्योतिष मे। क्या आप यह मान सकते है कि राहु केतु भारत को ही प्रभावित करते है और नेपच्यून यूरेनस प्लूटो केवल पाश्चात्य जगत को ?
• भारतीय व पाश्चात्य ज्योतिष मे ग्रहों की दृष्टि भी अलग है। यह ग्रहों की कौन सी दृष्टि है जो पृथ्वी को उस पर स्थित देश के भूभाग अनुसार अलग अलग प्रभावित करती है।
• भारतीय और पाश्चात्य ज्योतिष मे भचक्र के प्रारम्भिक बिन्दु मे ही अन्तर है इस अन्तर के पश्चात भी दोनो ही अपने ज्योतिष को सही कहते है और दोनो ही मूर्ख बनाते है।
• ज्योतिष को विज्ञान कहने के पश्चात भी किसी एक कुंडली पर सभी ज्योतिषीयों की अलग अलग राय होती है जब्कि सभी ज्योतिषी एक जैसे सिद्धांतो का ही प्रयोग करते है फिर भी भविष्यवाणी सबकी अलग होती है जो स्पष्ट करता है कि ज्योतिषी भविष्यवाणी के लिए किसी वैज्ञानिक विधि से निर्मित सिद्धांत का प्रयोग नही कर रहें है - टुल्लेबाजी कर मूर्ख बना रहें है।
• पृथ्वी स्थिर न होकर सूर्य की परिक्रमा करती है, सूर्य एक तारा है और चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह और नक्षत्रों के तारे हमारे सौरमंडल मे नहीं है। अब यह निर्विवाद रुप से सत्य है लेकिन ज्योतिष मे पृथ्वी आज भी स्थिर है, सूर्य चन्द्रमा ग्रह है और नक्षत्रों की स्थिति चन्द्रमा व बुध के मध्य मे स्थित है - आपके भविष्य की गणना के सिद्धांत इसी आधार पर निर्मित है और ज्योतिष आज भी आदिकालीन ब्रह्मांड के ज्ञान पर चल रहा है।
• श्री राम व श्री कृष्ण के समय मे कुंडली नहीं बनती थी अतः श्री राम व श्री कृष्ण की काल्पनिक कुंडली दिखाकर मूर्ख बनाया जाता है।
• अधिकतर ज्योतिषी ठग है यह बात स्वयं को विद्वान जताने के लिए ही कही जाती है वास्तव मे सभी ज्योतिषी ठग है क्योंकि पूरा फलित ज्योतिष बोगस है।
• पृथ्वी से करोङों कि.मी. दूर ग्रहों का ऐसा कौन सा प्रभाव होता है जिससे भविष्य प्रभावित होता है किसी ज्योतिषी को पता नहीं है लेकिन व्यक्ति जीवन मे घटने वाली प्रत्येक घटना के लिए ग्रहों को कारण बताकर व टोटके यन्त्र मन्त्र रत्न आदि से ग्रहों के प्रभाव को बदलने की बात कहकर मूर्ख बनाया जाता है।
• ज्योतिषी स्वयं नहीं जानते कि ज्योतिष मे वह कौन सा सही सिद्धांत है जिससे सटीक भविष्य बताया जा सकता है लेकिन फिर भी सटीक भविष्यवाणी का दावा किया जाता है - जाहिर है कि मूर्ख बनाकर ठगी का धन्धा किया जा रहा है।
• आज तक ज्योतिषी नये खोजे गए ग्रह नेपच्यून यूरेनस को और 13वीं राशि को ज्योतिष मे सम्मिलित नहीं कर पाए और ऐसे ज्योतिषी ज्योतिष पर शोध की बात करते है !
• सिद्धांतो पर शोध के लिए सिद्धांतो को बनाए जाने के आधार प्रक्रिया का ज्ञान होना आवश्यक होता है तभी किसी प्रकार की त्रुटि पाए जाने पर सही किया जा सकता है लेकिन जिन ज्योतिषीयों को ज्योतिष की रचना का आधार भी पता नहीं वह इस पर शोध करेगें ?
• ऋषियों ने जो ज्योतिष बनाया था अब उसे खगोलशास्त्र कहते है फलित ज्योतिष को ऋषियों ने नहीं बनाया था न ही वह फलित ज्योतिष का समर्थन करते थे।
• राशियोंं की रचना भी किसी ऋषि ने नहीं की थी राशियों की रचना प्राचीन ग्रीस मे हुई थी जिसे ईस्वी सन की प्रारम्भिक सदी मे भारतीय ज्योतिष मे स्थान दिया गया।
यदि कोई ज्योतिषी चाहे तो उपरोक्त लिखे गए किसी भी बिंदु पर अपना पक्ष रखते हुए सार्थक चर्चा के लिए आगे आकर ज्योतिष को सही सिद्ध कर सकते है।

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  1. you have so much researched on jyotish.if you want to prove someone topic wrong you have to study that topic.i am glad that you have done so much study on jyotish.

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  2. नमस्ते सर,
    आपके प्रत्येक प्रश्नो का उतर देने मे स्वयँ को सक्षम मानता हुँ। विद्द्वेश की भावना त्याग कर एक बार सम्पर्क जरुर करेँ। ऋष दाधिच - +918955770659

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