ज्योतिष मे हर कार्य के लिए यन्त्र मन्त्र रत्न टोटके आदि है और ज्योतिषीयो तथा ज्योतिष पर विश्वास करने वालो के अनुसार सभी कारगर है तो ज्योतिषीयो को उन्हे किसी व्यक्ति विशेष तक सीमित न रखकर व्यापक स्तर पर प्रयोग कर/करवाकर विश्व को लाभान्वित करना चाहिए। ऐसे ही कुछ यन्त्र टोटके है जिन्हे आप रोजमर्रा की जिन्दगी मे देखते और प्रयोग करते है और मनवांछित फल प्राप्ति का दावा भी करते है तो क्यों न उनका प्रयोग व्यापक स्तर पर किया जाए - क्या आप नहीं चाहेगें कि जिस ज्योतिषी के द्वारा बताए गए किसी भी तरह के उपाय - मन्त्र यन्त्र रत्न टोटके - से आपको नौकरी मिल गई, व्यापार मे वृद्धि हुई, विवाह हो गया, सन्तान प्राप्ति हुई, ऋण मुक्ति हुए, मकान जायदाद के स्वामी बन गए, भाग्योदय हो गया, आर्थिक लाभ होकर सम्पन्नता हासिल हुई, विदेश यात्रा कर आए आदि, उन यन्त्र मन्त्र टोटको से सभी व्यक्ति लाभान्वित होकर सुखी हो जाए। आप ऐसा अवश्य ही चाहेगें क्योंकि आप स्वार्थी नहीं है तभी तो विभिन्न प्रकार के यन्त्र मन्त्र और टोटके जिनसे आपको लाभ हुआ है वह अपने मित्रो व अन्य परिचित व्यक्तियो को भी बताते रहते है। इसी सेवा भाव को प्राथमिकता देते हुए ज्योतिषीयो को, जिन्होने यन्त्र मन्त्र टोटको द्वारा आपको सुखी कर दिया है उन्हे अब विश्वव्यापी सेवा कार्य करना ही चाहिए - आखिर ज्योतिष विद्या मानव कल्याण के लिए ही बनाई गई है -
जब किसी टोटके से किसी व्यक्ति को नौकरी मिल सकती है तो करोङो व्यक्तियों को भी मिल सकती है ऐसे मे ज्योतिषीयो को टोटके द्वारा नौकरी दिलवाकर देश की बेरोजगारी के समस्या को दूर करने की दिशा मे कार्य करना चाहिए।
श्री यन्त्र दक्षिणावर्ती शंख आदि से यदि धन की प्राप्ति होती है तो ज्योतिषीयो को सरकार से इस सम्बन्ध मे बात करनी चाहिए जिससे कि प्रत्येक व्यक्ति को अमीर बनाकर देश की गरीबी दूर की जा सके।
ऋण नाशक यन्त्र टोटके आदि से कर्ज से मुक्ति मिलती है तो ज्योतिषीयो को देश के उपर बढ़ते हुए कर्ज के बोझ को समाप्त करने के लिए कार्य करना चाहिए - क्योंकि देश के उपर कर्ज अर्थात प्रत्येक व्यक्ति ऋणी जिसमे ज्योतिषी भी सम्मिलित है।
व्यापार वृद्धि यन्त्र टोटके करने से जब किसी का भी व्यापार चल पङता है तो इस देश मे कितने ही व्यापारिक संस्थान बन्द पङे है अनेक बन्द होने की कगार पर है व ऐसे भी है जो घाटे मे चल रहे है इन सब मे लाखो व्यक्ति कार्यरत है/थे। ज्योतिषीयो को इनके बारे मे भी विचार करना चाहिए लाखों व्यक्तियो का रोजगार चले जाने से बचाने से बेहतर और कौन सा कार्य हो सकता है - एक टोटका करने मात्र की तो देर है।
शत्रु नाशक यन्त्र व ऐसे ही अनेक टोटको से जब शत्रुओं का नाश हो जाता है तो ज्योतिषीयो को सीमा की सुरक्षा मे लगा देना चाहिए जिस पर सरकार को अरबो रुपये खर्च करने पङते है। एक यन्त्र या टोटका ही जब शत्रुओं से बचाव करने मे समर्थ है तो सोचिए कितने रुपयों की हर वर्ष बचत होगी - और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि सुरक्षा मे आज के व्यय का 10-20 प्रतिशत ज्योतिषीयो को देने मे कोई दिक्कत नहीं होगी।
रोगनाशक यन्त्र व टोटके जो आए दिन ज्योतिषी बताते ही रहते है, इनसे रोग से मुक्ति मिलती है तो ज्योतिषीयो को अस्पतालो मे बिस्तर पर पङे हुए मरीजो के बारे मे भी विचार करना चाहिए वह ज्योतिषीयो के पास तो जा नहीं सकते है तो ज्योतिषीयो को ही उन्हे कोई टोटका बता देना चाहिए जिस से उन गरीब मरीजो की भी मदद हो जाए जो ईलाज का व्यय उठाने मे असमर्थ है - टोटका तो सभी कर सकते है।
ऐसे ही दुर्घटना नाशक यन्त्र है जाहिर है टोटके भी होंगे ही तो क्यों न उन से भविष्य की सभी होने वाली दुर्घटनाओं को पहले ही रोक लिया जाए। विभिन्न प्रकार की दुर्घटनओ मे कितनी जाने चली जाती है यदि किसी यन्त्र टोटके से बचाई जा सके तो कितना पुण्य का काम होगा - इसी बहाने नागवेष्ट नाम के नरक मे जाने के पश्चात ज्योतिषीयो के कष्ट कुछ कम हो जाए।
कितने ही मुजरिम पकङ मे नहीं आ रहें है अधिकतर का तो रिकार्ड प्रशासन के पास होता ही है तो ज्योतिषीयो को उनकी कुंडली देखकर उनकी ग्रह दशा खराब कर देनी चाहिए जिससे जिस ग्रह योग के कारण वह पकङ से बाहर है उस योग का प्रभाव ही समाप्त हो कर कानून की मदद की जा सके।
ज्योतिष देश काल परिस्थिति अनुसार ही कार्य करता है तो कन्या भ्रूण हत्या वह भी देश काल और परिस्थिति अनुसार ही हो रही है - कौन सा ग्रह योग इसका कारण है यह देखकर उपाय किया जाना चाहिए जिस से लिंग अनुपात बराबर आ जाए।
राजकोषीय घाटा हर वर्ष बढ जाता है जिसके कारण सरकार को और अधिक कर लगाने पङते है और मंहगाई बढ़ने के कारको मे से एक है - ज्योतिषी जब किसी व्यक्ति के घाटे मे चल रहे व्यापार को लाभ की स्थिति मे ला सकते है तो देश के वित्तीय घाटे को भी कम करने के बारे मे विचार किया जाना चाहिए।
- और अब सबसे उत्तम उपाय
भारत की कुंडली स्वतन्त्रता के समय की ली जाती है जब्कि भारत तो उस से पहले भी अस्तित्व मे था और किसी का गुलाम भी नहीं था - तो क्यों न किसी अच्छे लग्न ग्रह योग वाले दिन की कुंडली ली जाए - क्योंकि हो सकता है वर्तमान मे ली जा रही कुंडली मे ग्रह सही स्थिति मे नहीं हो। क्या पता नई कुंडली से ही सब अच्छा हो जाए - इसका कारण यह है कि जब आज जितनी भी कुंडलियां है उनमे 24 अंश का अन्तर होने पर - जिसमे ग्रह के भाव ही बदल जाते है - तब भी बोगस सिद्धांतो पर से सही भविष्य पता चल जाता है तो फिर किसी भी दिन की कुंडली से देश का भविष्य भी सुधारा जा सकता है।
शिक्षा नौकरी व्यावसाय स्वास्थ्य सन्तान धन सम्पति विवाह आदि के साथ अनेक कार्य है जो विश्वव्यापी स्तर पर किये जाने चाहिए - और ज्योतिष विज्ञान के अनुसार सभी कुछ ग्रहों के कारण ही होता है ऐसे मे ज्योतिषीयो का दायित्व और भी बढ़ जाता है उन्हे अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने ज्योतिष ज्ञान को व्यापक स्तर पर उपलिखित व अन्य कार्य जिनका वर्णन नहीं किया गया है - करने ही चाहिए। जिस प्रकार विज्ञान के द्वारा वैज्ञानिकों ने नये अविष्कार कर विश्व को बहुत कुछ दिया है उसी प्रकार ज्योतिषीयो को भी अपने "ज्योतिष विज्ञान" को सार्थक बनाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए अन्यथा यह ठगी का धन्धा कहलाएगा जो केवल मूर्ख बनाकर ठगने के काम ही आता है।

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