जुङवा बच्चों के जन्म समय
मे अधिक अन्तर न होने के कारण दोनो की कुंडली एक जैसी ही होती है लेकिन एक ही लग्न, राशि, ग्रह योग, दशा आदि होने
के पश्चात भी दोनों का भविष्य एक जैसा नहीं होता है जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है
कि सिद्धांत बोगस है और ग्रहों का मनुष्य के भविष्य पर कोई प्रभाव नहीं पङता है न
ही मनुष्य का जीवन ग्रहों द्वारा संचालित है इसलिए ज्योतिष बोगस है। जुङवा बच्चों
की कुंडली एक जैसी होने के पश्चात उनका भविष्य एक जैसा क्यों नहीं होता है इस
प्रश्न पर शायद ही किसी ने विचार किया हो अधिकांश व्यक्तियों को तो यह पता भी नहीं
होगा कि जुङवा बच्चों की कुंडली एक जैसी ही होती है इस तथ्य से ज्योतिषी कभी अवगत
नहीं कराएगें और व्यक्ति मे जिज्ञासा न होने के कारण स्वयं कभी जान नहीं पाएगें
इसलिए विचार करने का प्रश्न नहीं उठता है। जिन व्यक्तियों को इस बात का ज्ञान नहीं
था वह जान लें कि जुङवा बच्चों की कुंडली एक जैसी ही होती है उसमे कोई विशेष अन्तर
नहीं होता जिससे कि दोनो की कुंडली मे भिन्नता हो।
जब भी आप किसी ज्योतिषी के पास जुङवा बच्चों की कुंडलियां
लेकर जाएगें तो ज्योतिषी दोनो की कुंडली के D60 चार्ट
को देखते है परन्तु ज्योतिष की किसी भी प्राचीन पुस्तक मे इस बात का उल्लेख नहीं
है कि जुङवा बच्चों की D60 कुंडली देखकर फलित किया जाना
चाहिए और ज्योतिष मे D9 से लेकर D60 की
कुंडली के लिए कोई सिद्धांत ही नहीं है, तो बिना किसी
सिद्धान्त के D9 से D60 की कुंडली से
फलित नहीं किया जा सकता है लेकिन आम व्यक्ति यह बात नहीं जानते है इसलिए ज्योतिषी
की टुल्लेबाजी को भविष्यवाणी समझकर ज्योतिष को सही मानते रहते है। जुङवा बच्चों की
कुंडली एक जैसी ही होती है इसलिए जो सिद्धांत एक की लग्न कुंडली पर लगता है वही
दूसरे की कुंडली मे भी लगता है चूंकि सिद्धांत के अन्तर्गत लिखा फल दोनो के लिए
समान नहीं हो सकता है इसलिए कोई भविष्यवाणी भी नहीं की जा सकती है। इसे इस तरह से
समझे - मान लीजीए कि कोई सिद्धांत डाक्टर बनने को कह रहा हो तो दोनो ही डाक्टर
बनेगें यह आवश्यक नहीं है अतः कौन सा बच्चा डाक्टर बनेगा और कौन सा नहीं इसका
निर्णय न सिद्धांत कर सकता है न ज्योतिषी अतः D60 कुंडली को
देखा जाता है क्योंकि D60 कुंडली 3 मिनट
के अन्तराल के पश्चात बदल जाने से उसमे ग्रहो की स्थिति दोनो बच्चो के लिए भिन्न
होती है और ज्योतिषी D60 कुंडली पर लग्न कुंडली के लिए बने
सिद्धांतो को लगाकर अपनी इच्छानुसार टुल्लेबाजी कर मूर्ख बनाते है।
जुङवा बच्चों की कुंडली एक जैसी क्यों कही जा रही है - एक
लग्न दो घंटे का होता है और उन दो घंटो तक लग्नानुसार ग्रह स्थिति एक जैसी ही होती
है और जुङवा बच्चों के जन्म समय मे सामान्यत: कुछ ही मिनटो का अन्तर होता है आज के
समय मे दो तीन व चार बच्चे भी एक साथ पैदा होते देखे जा सकते है इसलिए
दोनो/तीनो/चारों बच्चों की कुंडली एक जैसी ही होती है। यदि ज्योतिष के सिद्धांत
सही है तो जुङवा बच्चों का भविष्य एक जैसा होना चाहिए लेकिन उनका तो नाम भी एक
जैसा नहीं होता है भविष्य तो दूर की बात है। इससे स्पष्ट होता है कि सिद्धांत बोगस
है और जुङवा बच्चों की D60 कुंडली पर लग्न कुंडली के सिद्धांत
लगाकर मूर्ख बनाया जाता है। परन्तु व्यक्ति स्वयं को मूर्ख बनने से बचा सकते है
ज्योतिषीयों के ठगी के धन्धे का सच जानकर जो इस ग्रुप मे बताया जा रहा है उनकी पोल
खोलकर - ज्योतिष के सिद्धांतो का विश्लेषण कर उसके बोगस होने के बारे मे बताया जा
रहा है। ज्योतिष मे ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जो सही भविष्य बताता हो इसलिए किसी
भी ज्योतिषी के पास भविष्य जानने के जाने से पहले विचार अवश्य कर लें - मूर्ख बनना
या नहीं यह व्यक्ति के स्वयं के हाथ मे होता है।
यदि आप यह विचार कर रहें है को केवल जुङवा बच्चों की
कुंडली ही एक जैसी होती है तो आप गलत है एक ही स्थान दिन समय पर जन्म लेने वाले
सभी व्यक्तियों की कुंडली एक जैसी ही होती है इसी बात से ज्योतिष की वास्तविकता
सामने आ जाती है कि यदि ग्रहों से व्यक्ति का भविष्य बन रहा होता तो एक जैसी
कुंडली वाले सभी व्यक्तियों का भविष्य एक जैसा ही होता। आंकङो पर नजर डालें तो
वर्तमान जन्म दर के हिसाब से 255 बच्चे प्रति मिनट
उत्पन्न हो रहें है इस आधार पर यदि गणना की जाए तो असंख्य व्यक्तियों की कुंडली मे
ग्रह स्थिति समान होगी तो ज्योतिष के सिद्धांत के हिसाब से सभी का भविष्य एक जैसा
ही होना चाहिए और असंख्य व्यक्तियों का भविष्य समान हो ऐसा सम्भव नहीं है क्योंकि
ग्रहों का ऐसा कोई प्रभाव नहीं होता है जो मनुष्य के भूत भविष्य को प्रभावित करता
हो इसलिए सभी सिद्धांत बोगस है और ज्योतिष मात्र ठगी का धन्धा जो समाज मे प्रचलित
अनेक प्रकार के अन्धविश्वास मे से एक है।
विश्व मे ऐसे भी स्थान है जहां पर अनेक जुड़वा बच्चे
पैदा होते है जिनके बारे मे आप नीचे दिए गए लिंक पर जा कर जान सकते है इसके बारे
मे ज्योतिषी क्या कहेगें ! कौन सा ग्रह है जो जुङवा बच्चे पैदा करता है वह भी एक
नहीं बल्कि 220 set एक ही गांव मे - कौन सा
सिद्धांत है जो एक जैसी कुंडली होने के बाद भी इनका भविष्य अलग बताएगा – क्या यह इस बात का प्रमाण
नहीं है की ग्रहों का हम पर कोई प्रभाव नहीं होता है और ज्योतिष एक बोगस विषय है।
http://www.odditycentral.com/news/seeing-double-in-nigerias-land-of-twins.html
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