ज्योतिष पर विश्वास करने वाले अधिकतर व्यक्तियों के अनुसार जिनमे जिज्ञासु मित्र भी शामिल है, का कहना होता है कि यदि ज्योतिष बोगस है जो ज्योतिषी कुछ बाते सही कैसे बता देते है। इस प्रश्न के संदर्भ मे सटीक भविष्यवाणी करने का दावा करने वाले ज्योतिषीयों से वह सही सिद्धांत पूछे जा रहें है जिनके कुंडली पर प्रयोग से किसी भी व्यक्ति के भूत वर्तमान भविष्य से सम्बधित किसी भी घटना का सटीक वर्णन किया जा सकता है लेकिन हजारों ज्योतिषीयों मे से कोई भी सही भविष्यवाणी करने का एक भी सही सिद्धांत नहीं बता पाया है जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि वास्तव मे ज्योतिष मे ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जो सही है और जिससे सही भविष्य बताया जा सकता है। यदि ज्योतिष मे सही व सटीक भविष्यवाणी करने का सही सिद्धांत होता तो ज्योतिषी अब तक बता चुके होते परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि अनेक व्यक्ति ज्योतिषीयों की सिद्धांत के प्रश्न पर चुप्पी को समझ नहीं पा रहें है। जब भी आप किसी ज्योतिषी के पास अपनी समस्या लेकर अथवा भविष्य जानने के लिए जाते है तो ज्योतिषी धीरे धीरे आपके बारे मे आप ही के मुंह से आपके वर्तमान भूतकाल के विषय मे परोक्ष व अपरोक्ष रुप से जानकारी हासिल कर आपके बारे मे ऐसे बताने लगते है जैसे कि कुंडली बिल्कुल सही बता रही हो और ज्योतिषी बहुत बङा ज्योतिष का विद्वान व त्रिकालदर्शी हो। यह होता कैसे है इस विषय पर विस्तारपूर्वक अनेक लेख लिखे जा चुके है लेकिन शायद आप उन्हे पढ़ते नहीं है इसलिए बार बार यह प्रश्न करते है कि यदि ज्योतिष बोगस है तो ज्योतिषी कुछ बातें सही कैसे बता देते है। इस श्रंखला मे एक बार फिर से इसी विषय पर चर्चा कर समझने का प्रयास करेंगे जिससे कि इस विषय पर आपका भ्रम दूर किया जा सके।
ज्योतिष वास्तव मे मनोविज्ञान का खेल है ज्योतिषी की जिन बातों को भविष्यवाणी समझा जाता है वह टुल्लेबाजी से अधिक कुछ नहीं होती है जिसमे सामान्य ज्ञान की बातों की अधिकता रहती है। ज्योतिषी भविष्यवाणी के नाम पर जो सामान्य बाते बताते है उन सभी के उतर हां या न मे ही होते है लेकिन यदि आप ध्यान पूर्वक विचार करें तो अधिकतर प्रश्नों के उतर हां मे ही होते है। बहुत क्रोध, अत्यधिक व्यय, पारिवारिक व्यावसायिक तनाव, धन संचय न होना, वैवाहिक सम्बन्धों मे मतभेद, अत्यधिक परिश्रम के पश्चात सफलता न मिलना, भाग्य का साथ न देना, कार्य होते-होते रह जाना, प्रत्येक कार्य मे अङचन, आदि ऐसी अनेक बातें है जो प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होती है और जिनके उतर सामान्यत हां मे ही होते है। मनोवैज्ञानिक प्रभाव के कारण ज्योतिषी द्वारा कही जा रही प्रत्येक बात भविष्यवाणी ही प्रतीत होती है इसे इस तरह से समझे की आप किसी अर्थशास्त्री के पास अर्थव्यस्था के बारे में जानने के लिए गए है लेकिन वह कैमिस्ट्री पर समझाने लगे और यदि आपको ज्ञान न हो, तो यही समझेंगे की वह एक अर्थशास्त्री है और अर्थव्यवस्था पर ही बात कर रहा है। ठीक यही बात भविष्यवाणी के सम्बन्ध में लागू होती है सामान्य ज्ञान व भविष्यवाणी में अंतर का ज्ञान होने से प्रत्येक व्यक्ति के लिए वह बात भविष्यवाणी ही होती है जो उसके सिवाय कोई अन्य व्यक्ति न जानता हो इसलिए जब किसी ज्योतिषी द्वारा सामान्यतः यह कहा जाता है कि आपको क्रोध बहुत आता है, धन आता है पर रुकता नहीं है आदि, तो इस प्रकार की सामान्य बातें भविष्यवाणी के रूप में ही ली जाती है क्योंकि व्यक्ति मानसिक रूप से पहले ही तैयार हो कर आए होते है अतः व्यक्ति सामान्य ज्ञान और भविष्यवाणी में अंतर ही नहीं कर पाते है - इस पर भी लिखा जा चुका है लेकिन यदि आप पढ़ भी नहीं सकते है तो कोई क्या कर सकता है। 

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