जब आप ज्योतिषी के पास अपनी किसी समस्या के समाधान के लिए जाते है तो जाहिर है कि आप समस्या को बताएगें ही। मान लीजीए की आपकी समस्या विवाह न होना या नौकरी न मिलना अथवा सन्तान का न होना इनमें से कोई एक है जो आपने ज्योतिषी को बताई। समस्या चाहे किसी भी प्रकार की क्यों न हो ज्योतिषी सभी के उत्तर जानते है क्योंकि सुबह से शाम तक उन्ही समस्याओं का समाधान करते है तो किस व्यक्ति को क्या उत्तर देना है वह अच्छी तरह से जानते है। करत करत अभ्यास के जड़मति हो सुजान और ज्योतिषी को सटीक भविष्यवक्ता अर्थात पहुंचा हुआ ठग बनना है तो ठगी की विद्या में प्रवीण होना ही होगा जो वह समय के साथ साथ बन जाते है। प्रश्न करने के पश्चात यदि ज्योतिषी कहे कि इस/उस ग्रह के कारण विवाह नहीं हो रहा, नौकरी नहीं लग रही, सन्तान नहीं हो रही आदि और आप फलां उपाय या यह टोटका करे तो कार्य हो जाएगा, तो उसकी बात को सही मान लिया जाता है क्योंकि वह ज्योतिषी ही है जो ज्योतिष का ज्ञान रखता है ग्रह दशा ठीक करने का सामर्थ्य रखता है इसलिए उसकी किसी भी बात को सही मान लेना एक प्रकार से उचित ही है (अब यह अलग बात है कि व्यक्ति अपनी बुद्धि व विवेक के प्रयोग से इस पर विचार करे की करोड़ो किलोमीटर दूर स्थित ग्रह उसके जीवन की प्रत्येक घटना के पीछे कैसे हो सकते है लेकिन जिस व्यक्ति में इस प्रकार से विचार करने की क्षमता विकसित हो चुकी हो वह ज्योतिषी के पास जाएगा ही नहीं)। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्योतिषी के पास आपकी जन्म कुंडली अर्थात आपकी रंग रुप गुण स्वभाव प्रकृति व्यक्तित्व योग्यता आयु शिक्षा पारिवारिक पृष्ठभूमि आदि सब कुछ सामने ही होता है इन सबका विश्लेषण करने के पश्चात ज्योतिषी जो भी उत्तर देगा वह व्यक्ति की मनःस्थिति अनुसार सही होगा क्योंकि ज्योतिषी ने व्यक्ति के पूर्वाग्रह की पुष्टि मात्र की होती है जो की एक सिक्के द्वारा भी संभव है - कैसे यह आपको आगामी अंक में जानने को मिलेगा।
दूसरी गलती जो आप करते है वह है ज्योतिषी की कही हर बात मे हां मे हां मिलाना - यदि कोई बात आपने ज्योतिषी को नहीं बताई तो ज्योतिषी आपसे कहेगा कि जब आप डाक्टर के पास जाते है तो आपकी बीमारी के बारे मे जानने के लिए वह आपसे प्रश्न करता है जिसके बाद आप उसे अपने बीमारी के लक्ष्ण बताएगें और उसी आधार पर डाक्टर आपकी बीमारी की पहचान कर ईलाज करता है - ज्योतिषी के इस तर्क के साथ ही आप अपने बारे मे सब बताने लगते है और यही ज्योतिषी चाहते है कि व्यक्ति उनकी चिकनी चुपङी बातों मे आकर अपनी जीवनी बताना शुरु कर दे। इस पर आप यह भी कह सकते है कि हम तो अपने बारे मे ज्योतिषी को कुछ नहीं बताते है जो सरासर आपका भ्रम है क्योंकि ज्योतिषी आपको अपनी बातों के फेर मे इस प्रकार से फसाते है कि व्यक्ति कभी जान ही नहीं पाते कि उन्होने कौन सी बात कब ज्योतिषी को बता दी है। वास्तव मे ज्योतिषी नाम का प्राणी बहुत शातिर होता है अपने ठगी के धन्धे के दांव पेंच के साथ साथ मनोविज्ञान मे माहिर होता है जो किसी भी व्यक्ति के दिमाग को पढ़ सकता है और व्यक्ति के द्वारा दिए गए किसी भी संकेत को पकङ कर पूरी कहानी बुन सकता है पन्तु व्यक्ति इन बातों को जानते नहीं है इसलिए जब भी कोई ज्योतिषी व्यक्ति के भूतकाल या वर्तमान से सम्बन्धित किसी बात को बताता है तो व्यक्ति उसे ज्योतिष का चमत्कार समझ लेते है जो कि वास्तव मे मनोविज्ञान का कमाल होता है। ज्योतिषी द्वारा बताई जा रही सामान्य बातों से ही आपके बारे मे बहुत सी महत्वपूर्ण बाते ज्योतिषी के पता चल जाती है आपके परोक्ष व अपरोक्ष रूप से दी गई अहम जानकारी के बाद यदि ज्योतिषी कुछ बाते सही बता दे तो आश्चर्य या ज्योतिष का चमत्कार नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि ज्योतिष मे कुंडली पुरुष की है या स्त्री की, यह पता लगाने तक का सही सिद्धांत नहीं है भविष्य तो बहुत दूर की बात है। प्रत्येक व्यक्ति की आयु लिंग रंग रुप गुण स्वभाव प्रकृति आदि बाते ज्योतिषी के समक्ष होती है इनसे भी व्यक्ति के बारे मे बहुत कुछ सटीक अन्दाजा लगाया जा सकता है एक ज्योतिषी जिसका कार्य ही टुल्लेबाजी करना होता है उसके लिए किसी व्यक्ति के विषय मे किसी बात का अन्दाजा लगाना कोई मुश्किल कार्य नहीं होता है। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक विशिष्टता होती है एक अलग व्यक्तित्व होता है जो व्यक्ति के बारे मे बहुत कुछ बयां कर जाता है तो सुबह से शाम तक सैंकङो व्यक्तियों का भविष्य बांचने वाले ज्योतिषी को क्या इतना भी अनुभव नहीं होगा कि वह व्यक्ति के बारे मे एक दो बाते भी सही न बता सके।
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