ज्योतिषी बनना मटर छीलने जितना ही आसान है। एक बार आपको मटर को बाहर से छू कर उसके अन्दर के दाने गिनना आ गया समझो ग्राहक की जेब काटना भी आ गया। और भविष्यवाणी करना तो चिङियो को दाना डालने जैसा है इसमे किसी विशेष योग्यता कि आवश्यक्ता ही नहीं है। बस आप बाजार से 20-30 रु की ज्योतिष की कोई किताब खरीद लाए और उसमे दिए गए राशि ग्रह नक्षत्रो के नाम रट लीजीए। क्रमबद्ध तरीके से न भी याद रहे तब भी कोई बात नहीं, कोई आपसे पूछने नहीं वाला कि 5वें नक्षत्र के बाद 6ठा नक्षत्र आता है कि 12वा। एक अनपढ़ व्यक्ति से लेकर विज्ञान मे शिक्षित व्यक्ति तक को मूर्ख बनाया जा सकता है। बस वह व्यक्ति के हुनर पर निर्भर करता है आप इस हुनर मे जितने परिपक्व होते जाएगें उतने ही आपके ग्राहको(मूर्खो) की संख्या बढ़ती जाएगी।
ज्योतिषी बनते ही आप सबसे पहले कुंडली देखने का कार्य अपने मित्रो, परिचित व्यक्ति तथा रिश्तेदारों से आरम्भ करना चाहिए उनके बारे मे आपको बहुत कुछ पता होता है। और ऐसी बाते बताइए जो आपको उन्होने परोक्ष रुप से नहीं बताई हो अर्थात किसी अन्य मित्र के माध्यम से आप तक पहुंची हो। इस से आपकी भविष्यवाणी भी सही होती रहेगी और ग्राहक भी मिलते रहेगें व आपकी प्रसिद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएगी, और शीघ्र ही आप एक स्थापित और सत्यापित ज्योतिषी बन जाएगें। ध्यान रहे आपको पहले सत्यापित होना है और इस कार्य मे आपके मददगार होगें आपके मित्र रिश्तेदार व अन्य चिर परिचित जिनके बारे मे भविष्यवाणियां आप कर चुके है वह आपके नाम का गुणगान कर आपको एक स्थापित ज्योतिषी बना देगें। आरम्भ मे कोई फीस न रखे बस जो कुछ ग्राहक दे कर जाए उसी मे खुश रहे, कोई व्यक्ति जिन्दगी मे कभी डाक्टर के पास भी न गया हो परन्तु ज्योतिषी के पास अवश्य जाता है वह भी एक नहीं अनेक - तो कमाई की चिंता न करे। सभी के प्रश्न एक जैसे ही होते है जैसे विवाह कब होगा नौकरी कब मिलेगी धन सम्पति होगी या नहीं यह कार्य हो जाएगा या नहीं आदि आदि। इन प्रश्नो का उतर देना मुश्किल नहीं होता है वैसे भी आपको कौन सा सटीक दिन/वार/समय - घंटे/मिनट बताना है ! बस कह देना है कि योग है हो जाएगा सुनते ही व्यक्ति प्रसन्न हो जाएगे।
ग्राहक जो सुनना पसंद करते है ज्योतिषी वही बताते हैं। वह व्यक्ति की शारीरिक तथा मानसिक कमज़ोरियों के विषय में जानते हैं जो आप भी जान सकते है कोई भी साधारण मनोविज्ञान की पुस्तक पढ़ कर। एक सफल और प्रसिद्ध ज्योतिषी बनने के लिए ज्योतिष के सिद्धांतो रटने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि व्यवहारिक मनोविज्ञान को समझने की आवश्यकता होती है। हर व्यक्ति यही सुनना पसन्द करते है कि चंद दिनो मे उनके सितारे चमकने वाले है उनकी किस्मत बदलने वाली है इससे उन्हे एक आत्मसंतुष्टि मिलती है जिसे वह भविष्यवाणी कहते है और इसी बात के पैसे मिलते है। तो आपको भी यही करना है सीधे ही भविष्यवाणी करना प्रारंभ मत करे पहले व्यक्ति के बारे मे जितनी हो सके जानकारी निकलवाएं - ज्यादातर वह स्वयं ही उगल देगें, यह सुनिश्चित कर अच्छी तरह से समझने के बाद ही भविष्यवाणी करें। कभी भी नकारात्मक बाते न कहें स्मरण रहे कि व्यक्ति ज्योतिषी के पास अपने पूर्वाग्रह की पुष्टि करने ही आते है भले ही वह उसमे सफल हो न हो परन्तु यदि आपने भी योग है कहकर उनकी हां मे हां मिला दी तो वह प्रसन्न होकर 100रु की जगह 1000रु भी देकर जा सकते है। यदि कोई निर्धारित फीस लेते हो तो 10-20 मूर्खो को और लेकर आएगें लुटने के लिए।
यदि आपकी ज्यादातर भविष्यवाणियां गलत भी हो जाए - जो होगीं ही क्योंकि ज्योतिष बोगस है और भविष्य अनिश्चित - तब भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। दुनिया का कोई भी व्यक्ति किसी गलत भविष्यवाणी पर विचार करना तो दूर याद भी नहीं करता है यह एक कङवी सच्चाई है। वह किसी कारण वश सही हो गई टुल्लेबाजी का आजीवन ढिंढोरा पीटते रहते है और ज्योतिष को सही मानकर ज्योतिषीयो का गुणगान कर अन्धविश्वासी समाज को और अधिक अन्धविश्वासी बनाते रहते है जो आपके और ग्राहक बनाने मे मददगार होते है।
अपने शहर के आस पास होने वाले ज्योतिष के सम्मेलन मे जाते रहें वहां भी बहुत ग्राहक मिलते है। बल्कि मिलते क्या ! यूं कहिए कि बैठे ही इस इन्तजार मे होते है कि कब देश प्रदेश के बहुत से ठग आए और उन्हें लूटकर चले जाएं। तो आप भी पीछे न रहे बहती गंगा मे हाथ धो लीजीए 10 ग्राहक भी अगर फस गए तो वह तब तक चैन से नहीं बैठेगें जब तक हजार न बना दे। आप ऐसे ही किसी बङे सम्मेलन मे जाए और वहां भूसे के भाव मे मिल रही ज्योतिष की कोई उपाधि डिग्री मेडल आदि लाकर उसे अपने नाम के साथ जोङ लीजीए तथा फ्रेम करवाकर अपनी दुकान मे ऐसे रखे कि सभी की नजर उस पर पङती रहे। आप चाहे तो बाजार से कुछ ट्र्राफी ईनाम आदि खरीदकर भी अपने नाम सहित गुदवाकर दुकान मे रख सक्ते है यह सब उपाय आपकी कमाई मे चार नहीं बल्कि कई चांद लगा देगें।
हजारो वर्षो से ज्योतिष को भविष्य बताने वाले विषय के रुप मे प्रचारित किया जाता रहा है। जब्कि सच्चाई तो यह है कि आज तक किसी एक व्यक्ति को भी अपना भविष्य पता नहीं चला है। लेकिन आप निश्चिंत रहिए मूर्खो को अक्कल नहीं होती तभी वह मूर्ख कहलाते है। वह आपके पास भविष्य जानने ही आएगें भले ही आपको अपना भी पता न हो पर इस बात पर वह विचार नहीं करते है। उनके लिए तो यही तर्क काम कर जाता है कि दूसरो का ईलाज करने वाला डाक्टर भी तो बीमार होता है ! जैसे जैसे आप आगे बढ़ते जाएगें वैसे वैसे इस ठगी के धन्धे के दांव पेच भी सीखते जाएगे। आप इनकी शिक्षा पहले भी ले सकते है परन्तु अनुभव के आधार पर आप और परिपक्व होते जाएगें। और बीते वक्त के साथ ही आपकी वाणी और भविष्यवाणी मे द्वि-त्रिअर्थी मिठास आ जाएगी तथा इस तरह की विशेष परिस्थितियो मे स्वयं को बचाने का सरल मार्ग बनाना भी आ जाएगा।
इस व्यासाय मे यदि आप बहुत जल्द प्रसिद्ध होना चाहते है तो किसी अखबार मैगजीन आदि से संपर्क कर सकते है चाहे तो संपादक से कमीशन तक तय की जा सकती है। तीन चार लेख छपने के बाद ही आपकी ख्याति राष्ट्रीय तो छोङिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच जाएगी। यदि किसी प्रसिद्ध हस्ती के बारे मे लिख रहे है तो इस तरह से लिखिए कि पढ़ने वालो को यही लगे कि उस व्यक्ति के जीवन मे जो कुछ भी घटित हो रहा है वह सब ग्रहो के कारण ही हो रहा है। उसके लिए जो योग बनाना हो बनाइए या जो ग्रह जोङना है धङल्ले से जोङिए - ग्रह कौन से गवाही देने आएगें कि उन्होने नहीं किया। यदि स्वयं नहीं लिख सकते है तो इसके लिए किसी पेशेवर व्यक्ति की सेवाएं भी ले सकते है। अधिकतर बङे ज्योतिषी लेते है क्योंकि लेख प्रभावशाली होना चाहिए। फिर आप यह भी दावा कर सकते हैं कि बड़े-बड़े राजनेता, फिल्मी सितारे तथा अन्य महान हस्तियाँ आपके ही ग्राहक हैं। चिन्ता मत करिए कोई इसकी जाँच पङताल करने नहीं आने वाला, आपको तो बस शगूफा छोङना है ठीक उस खरगोश की तरह कि आसमान गिर रहा है और सब जानवर भागने लगे। आप पहले घट चुकी घटनाए जैसे - किसी हवाई दुर्घटना के बारे में, अथवा किसी प्राकृतिक आपदा - सुनामी भूकम्प आदि के बारे में, अथवा किसी अन्य बड़ी घटना के बारे में भविष्यवाणी करने का दावा भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आप स्वयं को एक महाज्ञानी प्रतिष्ठित ज्योतिषी के रुप मे स्थापित कर सकते है। यहां भी निश्चिंत रहिए क्योंकि कोई भी आपसे यह नहीं पूछेगा कि आपने भविष्यवाणी पहले क्यों नहीं की। यदि पूछ भी ले तो कह दे कि मैने तो की थी पर किसी ने मेरी बात नहीं मानी।
इसके बाद तो आपका जीवन ही परिवर्तित हो जाएगा। कहां आप कोई नौकरी व्यावसाय करने चले थे जो आप मे योग्यता न होने के कारण चल नहीं पाए व उसके लिए अपने भाग्य को दोष दे रहे थे और अब आलम यह है कि आप दूसरो का भाग्य लिख रहें है। ऐसा कोई योग नहीं है जो आप बना नहीं सकते है न ही कोई ग्रह ही ऐसा है जिसे आप ठीक नहीं कर सकते है। जिन ग्रहो के वशीभूत होकर आप मारे मारे फिर रहे थे आज उन्ही के अधिपति बन बैठे है। कालसर्प योग मंगल दोष ग्रहण दोष चांडाल योग साढे साती आदि जिन शब्दो से आप पहले स्वयं डर रहे थे आज उन्ही से दूसरो को डरा रहे है। एक बीस रुपये की किताब व्यक्ति को कखपति से लखपति बना दे उसे और क्या चाहिए ! सही अर्थ मे तकदीर बदलना तो इसे कहते है।
अब तक आप एक सफल ज्योतिषी बन चुके है और चारो ओर आपकी ख्याति है तो आराम से निश्चिंत होकर व्यावसाय कर रुपये कमाईए। आपके पास मूर्ख व्यक्ति ही आएगे और आते रहेगें क्योंकि वह अन्धविश्वासी है भाग्यवादी है कर्महीन है, और ग्रहो से सब कुछ पाने की आस मे आपके पास आएगें तो आप उनकी जेब अनुसार ग्रह योग बनाते व बिगाङते जाएं और नोट छापते जाए।

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