प्राय किसी ज्योतिषी के द्वारा कही गई बात, भविष्यवाणी गलत निकलने पर और बताए गए किसी उपाय टोटके से लाभ न मिलने की
स्थिति मे आपके मन मे यही विचार आया होगा कि उस ज्योतिषी को कुछ नहीं आता है या
उसे ज्योतिष का अच्छा ज्ञान नहीं होगा। अपने इसी विचार के साथ आप किसी अन्य
ज्योतिषी, जिसे हो सकता है कि आपके किसी मित्र या
परिचित द्वारा सुझाया गया हो, की तलाश मे निकल पङते है
फिर से वही क्रम दोहराने के लिए जो पहले भी कर चुके है। चूंकि कोई ज्योतिषी न
भविष्य बता सकता है न ही ग्रह खराब होते है, जो किसी
उपाय टोटके करने से ठीक हो जाए इसलिए यह सम्भव है कि दूसरा ज्योतिषी भी आपको
मनोवैज्ञानिक रुप से सन्तुष्ट न कर पाए, तो फिर से उसी
क्रम को दोहराते हुए तीसरे ज्योतिषी की तलाश करते है। परन्तु क्या आपने इस बात पर
विचार किया है कि भविष्य बताने की विद्या अर्थात ज्योतिष जो ज्योतिषी जानते है, वास्तव मे भविष्य बताने मे सक्षम है ! यदि हां तो ज्योतिषी उस से अपना और
अपने परिवार मित्रो एवं सगे सम्बन्धियो का भविष्य क्यों नहीं संवार लेते है, क्यों फुटपाथ से लेकर हर गली चौराहे पर अपनी दुकाने सजाए बैठे है। चूंकि
व्यक्ति की यही धारणा होती है कि ज्योतिष सही है और ज्योतिष का सम्पूर्ण ज्ञान
रखने वाले ज्योतिषी ही सही भविष्य बता सकते है इसलिए यह मानकर चलते है कि उन
ज्योतिषीयो मे से अधिकतर ठग है जो केवल व्यापारिक लाभ के लिए ही ज्योतिषी बन बैठे
है और जिन ज्योतिषीयो को ज्योतिष का सम्पूर्ण ज्ञान है, वह इस भीङ मे दिखाई नहीं देते अथवा किसी अन्यत्र स्थान पर है जिन्हें
ढूंढने की कोशिश मे आप ठगे जा रहे है। अब साथ ही इस बात पर भी विचार करे कि
ज्योतिष को विश्वविद्यालयों मे भी पढ़ाया जा रहा है बकायदा आचार्य एवं डाक्टर की
डिग्रियां प्रदान की जा रहीं है और विश्वविद्यालय की डिग्री ऐसे ही तो नहीं मिल
जाती है, जाहिर है उसे पाने के लिए पढ़ाई करनी पङती है
उसके पश्चात परीक्षा भी उतीर्ण करनी पङती है तब कहीं जाकर डिग्री हासिल होती है।
कभी न कभी तो आप भी उन डिग्रीधारी ज्योतिषीयो से मिले ही होगें और उन्होंने आपके
भविष्य के बारे मे अनेकों भविष्यवाणी भी की होगी और उनमे से कितनी सही हुई यह बात
आप भूल गए होगें ! चलिए मैं याद दिला देता हूं - भविष्यवाणी एक भी सही नहीं हुई जो
सही हुआ वह था आपका अत्मविश्वास के साथ किया गया पुरुषार्थ जिसे ज्योतिषी द्वारा
की गई भविष्यवाणी समझ लिया जाता है। वास्तव मे ज्योतिषी ने भविष्यवाणी कभी की ही
नहीं थी, जो कहा था वह आपके आत्मविश्वास के साथ किये
जाने वाले कार्य की सराहना मात्र थी आपके कार्य करने की क्षमता और दृढ़ संकल्प का
आकलन कर आपकी हां मे हां मिलाई थी और कार्यनुसार समय अवधि का निर्धारण करना कोई
मुश्किल कार्य नहीं होता है, जब डिग्रीधारी ज्योतिषी भी
सही भविष्यवाणी नहीं कर पाये तो वह कौन सा ज्योतिषी है जिसकी तलाश आपको अब भी है।
एक क्षण मे लिए अगर आप किसी ज्योतिषी के साथ की गई मुलाकात के दृश्य की पुनर्रचना करे तो आप पाएंगे कि ज्योतिषी जी ने कभी भविष्यवाणी तो की ही नहीं थी। भविष्यवाणी क्या होती है इसे भी समझ ले - किसी अनिश्चित घटना को किसी निश्चित समयावधि मे होना कहना भविष्यवाणी कहलाता है जैसे कि विवाह के बारे मे प्रश्न करने पर उतर दिया जाए कि विवाह इस वर्ष/मास/दिवस/घंटे/मिनट पर होगा। अब आप सोच रहे होगें कि इतनी सटीक भविष्यवाणी तो कोई नहीं कर सकता - यदि कोई नहीं कर सकता, तो आप ज्योतिषी के पास जाते क्यों है ? वह भी मैं ही आपको बताता हूं - आप ज्योतिषी के पास जाते है अपने पूर्वाग्रह की पुष्टि करने। नहीं समझे ! आगे पढिए समझ जाएगें - कभी किसी व्यक्ति को ऐसे प्रश्न करते सुना है या आपने ही किए हो कि पंडित जी बताइए मैं गरीब कब होऊंगा ! अथवा मेरे पास से मकान ऐश्वर्य कब चला जाएगा ! कौन ऐसा चाहेगा। कोई भी व्यक्ति यह नहीं सोचता है कि वह गरीब रहेगा, उसके पास कुछ नहीं होगा। उच्च शिक्षा मकान वाहन अच्छी नौकरी व्यावसाय धन सम्पति आदि की चाह सभी को होती है और इनकी प्राप्ति के लिए व्यक्ति प्रयासरत भी होते है ज्योतिषी भी आपके इसी पूर्वाग्रह की पुष्टि करते है जिस ज्योतिषी ने आपके आत्मविश्वास के साथ पुरुषार्थ करने की क्षमता, धैर्य और प्रतिभा को पहचान कर आप ही के पूर्वाग्रह की पुष्टि कर दी तो वह ज्योतिषी आपके लिए सर्वज्ञ बन जाता है। और जो ज्योतिषी ऐसा न कर पाए वह अल्पज्ञानी हो जाता है जब्कि सच तो यह है कि कोई ज्योतिषी न विद्वान है न ही अल्पज्ञानी सभी ज्योतिषी ज्योतिष के एक जैसे सिद्धांतो का ही प्रयोग कर रहें है जो बोगस है उनसे सही भविष्य नहीं बताया जा सकता है इसलिए सही भविष्यवाणी के लिए मनोविज्ञान का सहारा लिया जाता है और व्यक्ति के द्वारा अपने भूतकाल की दी गई जानकारी के आधार पर वर्तमान समय व परिस्थिति से विश्लेषण कर कोई बात कह दी जाती है जो सही और गलत दोनो ही हो सकती है, सही केवल पुरुषार्थ से ही सम्भव है अतः जो व्यक्ति पुरुषार्थ करते है वह सफल हो जाते है जिन्हे किसी वजह से सफलता नहीं मिलती वह सारा दोष किस्मत भाग्य या ग्रह आदि पर मढ़ देते है। ऐसे ही व्यक्तियो का लाभ ज्योतिषीयो को मिलता है उन्हे ऐसे ही व्यक्तियो की तलाश होती है जो अपनी सफलता/विफलता का श्रेय/दोष भाग्य, पूर्व जन्म के कर्म, ग्रहों आदि को देते है - सरल शब्दो मे कहें तो अन्धविश्वासी व्यक्ति ही ज्योतिषीयो के ठगी का व्यापार फलने फूलने के लिए उपयुक्त होते है।
ज्योतिषी भूतकाल की बातें तो सही बता देते है लेकिन भविष्य सही नहीं बता पाते है - यह बात अनेक व्यक्तियों द्वारा कही जाती है। परन्तु किसी ने भी विचार नहीं किया होगा कि ज्योतिषी व्यक्ति के भूतकाल की बातों को कैसे बता देते है इसका कारण ज्योतिष के सिद्धांत न होकर व्यक्ति द्वारा स्वयं ही अपने बारे मे परोक्ष व अपरोक्ष रुप से दी गई जानकारी होती है। ज्योतिष मे ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जो भूत भविष्य का सही वर्णन कर सके लेकिन व्यक्ति कभी भी इस तथ्य को समझने का प्रयास नहीं करते है और ज्योतिषी के मुख से भूतवाणी सुनकर प्रसन्न होते रहते है उन्हे लगता है कि जो ज्योतिषी उनके भूतकाल के बारे मे सही बता सकते है वह भविष्य भी उतना ही सटीक बताएगें लेकिन जिन ज्योतिषीयों को अपना भविष्य भी पता नहीं होता है वह दूसरों का भविष्य कैसे बता देगें! इसलिए व्यक्ति के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर भविष्य के सम्बन्ध मे टुल्लेबाजी कर दी जाती है, यदि सही हो गई तो ग्राहक पक्का और ज्योतिष जिन्दाबाद यदि नहीं हुई तो व्यक्ति किसी अन्य ज्योतिषी के द्वार पर पहुंच जाते है फिर से लुटने के लिए। कर्महीन, पुरुषार्थ से रहित जीवन व भाग्यवादी विचारों से युक्त व्यक्ति अपना भविष्य जानने के लिए क्या नहीं करते है। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे ज्योतिषी की तलाश होती है जो उनका सही भविष्य बता दे इसके लिए दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न जाना पड़े, कितने ही ज्योतिषीयो के द्वार से लुट कर आना पड़े उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। सारी उम्र भविष्य जानने में और टोटके करने में निकल जाती है लेकिन फिर भी भविष्य जानने की इच्छा समाप्त नहीं होती है – अपना नहीं जान पाए तो क्या हुआ अपने बच्चों नाती पोते का भविष्य तो जान कर ही रहेगें इस तरह से एक बार फिर से वही क्रम आरम्भ हो जाता है। व्यक्ति जब अपनी बुद्धि को बंद कर पुरुषार्थ का त्याग करके भाग्य, प्रारब्ध, पूर्वजन्म, ग्रह दशा आदि पर विश्वास करना प्रारम्भ कर देते है तो समझ लीजीए कि ज्योतिषीयो के अच्छे दिन शुरु हो गए उनके ठगी के धन्धे के फलने फूलने के दिन आ गए यूं समझ लीजीए कि ज्योतिषीयो के लिए बसंत का मौसम और उनके ग्राहको के लिए पतझङ शुरु हो गया कुछ दो चार हरे पत्ते जो उनके कर्म रुपी पेङ पर बचे हुए होते है वह भी ठग लिए जाएगें और उपर से नये पत्ते आने की हर सम्भावना ही समाप्त कर दी जाएगी। भविष्य पूर्वनिश्चित नहीं है उसे ज्योतिष के निश्चित सिद्धांत द्वारा नहीं जाना जा सकता है और ग्रह हमारे जीवन के किसी भी क्रियाकलाप के पीछे नहीं है इसलिए उन्हे प्रसन्न करने के लिए किए जाने वाले व अन्य किसी भी प्रकार के टोटको से कुछ नहीं होता है यह एक भ्रम है कि ग्रह हमारे भविष्य को प्रभावित करते है जिन्हे किसी टोटके से प्रसन्न कर भविष्य को बदला जा सकता है। भविष्य अनिश्चित है जो कर्म से बनता है न कि ग्रहों व टोटको से ज्योतिष केवल ठगी का धंधा है अन्य कुछ नहीं।
एक क्षण मे लिए अगर आप किसी ज्योतिषी के साथ की गई मुलाकात के दृश्य की पुनर्रचना करे तो आप पाएंगे कि ज्योतिषी जी ने कभी भविष्यवाणी तो की ही नहीं थी। भविष्यवाणी क्या होती है इसे भी समझ ले - किसी अनिश्चित घटना को किसी निश्चित समयावधि मे होना कहना भविष्यवाणी कहलाता है जैसे कि विवाह के बारे मे प्रश्न करने पर उतर दिया जाए कि विवाह इस वर्ष/मास/दिवस/घंटे/मिनट पर होगा। अब आप सोच रहे होगें कि इतनी सटीक भविष्यवाणी तो कोई नहीं कर सकता - यदि कोई नहीं कर सकता, तो आप ज्योतिषी के पास जाते क्यों है ? वह भी मैं ही आपको बताता हूं - आप ज्योतिषी के पास जाते है अपने पूर्वाग्रह की पुष्टि करने। नहीं समझे ! आगे पढिए समझ जाएगें - कभी किसी व्यक्ति को ऐसे प्रश्न करते सुना है या आपने ही किए हो कि पंडित जी बताइए मैं गरीब कब होऊंगा ! अथवा मेरे पास से मकान ऐश्वर्य कब चला जाएगा ! कौन ऐसा चाहेगा। कोई भी व्यक्ति यह नहीं सोचता है कि वह गरीब रहेगा, उसके पास कुछ नहीं होगा। उच्च शिक्षा मकान वाहन अच्छी नौकरी व्यावसाय धन सम्पति आदि की चाह सभी को होती है और इनकी प्राप्ति के लिए व्यक्ति प्रयासरत भी होते है ज्योतिषी भी आपके इसी पूर्वाग्रह की पुष्टि करते है जिस ज्योतिषी ने आपके आत्मविश्वास के साथ पुरुषार्थ करने की क्षमता, धैर्य और प्रतिभा को पहचान कर आप ही के पूर्वाग्रह की पुष्टि कर दी तो वह ज्योतिषी आपके लिए सर्वज्ञ बन जाता है। और जो ज्योतिषी ऐसा न कर पाए वह अल्पज्ञानी हो जाता है जब्कि सच तो यह है कि कोई ज्योतिषी न विद्वान है न ही अल्पज्ञानी सभी ज्योतिषी ज्योतिष के एक जैसे सिद्धांतो का ही प्रयोग कर रहें है जो बोगस है उनसे सही भविष्य नहीं बताया जा सकता है इसलिए सही भविष्यवाणी के लिए मनोविज्ञान का सहारा लिया जाता है और व्यक्ति के द्वारा अपने भूतकाल की दी गई जानकारी के आधार पर वर्तमान समय व परिस्थिति से विश्लेषण कर कोई बात कह दी जाती है जो सही और गलत दोनो ही हो सकती है, सही केवल पुरुषार्थ से ही सम्भव है अतः जो व्यक्ति पुरुषार्थ करते है वह सफल हो जाते है जिन्हे किसी वजह से सफलता नहीं मिलती वह सारा दोष किस्मत भाग्य या ग्रह आदि पर मढ़ देते है। ऐसे ही व्यक्तियो का लाभ ज्योतिषीयो को मिलता है उन्हे ऐसे ही व्यक्तियो की तलाश होती है जो अपनी सफलता/विफलता का श्रेय/दोष भाग्य, पूर्व जन्म के कर्म, ग्रहों आदि को देते है - सरल शब्दो मे कहें तो अन्धविश्वासी व्यक्ति ही ज्योतिषीयो के ठगी का व्यापार फलने फूलने के लिए उपयुक्त होते है।
ज्योतिषी भूतकाल की बातें तो सही बता देते है लेकिन भविष्य सही नहीं बता पाते है - यह बात अनेक व्यक्तियों द्वारा कही जाती है। परन्तु किसी ने भी विचार नहीं किया होगा कि ज्योतिषी व्यक्ति के भूतकाल की बातों को कैसे बता देते है इसका कारण ज्योतिष के सिद्धांत न होकर व्यक्ति द्वारा स्वयं ही अपने बारे मे परोक्ष व अपरोक्ष रुप से दी गई जानकारी होती है। ज्योतिष मे ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जो भूत भविष्य का सही वर्णन कर सके लेकिन व्यक्ति कभी भी इस तथ्य को समझने का प्रयास नहीं करते है और ज्योतिषी के मुख से भूतवाणी सुनकर प्रसन्न होते रहते है उन्हे लगता है कि जो ज्योतिषी उनके भूतकाल के बारे मे सही बता सकते है वह भविष्य भी उतना ही सटीक बताएगें लेकिन जिन ज्योतिषीयों को अपना भविष्य भी पता नहीं होता है वह दूसरों का भविष्य कैसे बता देगें! इसलिए व्यक्ति के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर भविष्य के सम्बन्ध मे टुल्लेबाजी कर दी जाती है, यदि सही हो गई तो ग्राहक पक्का और ज्योतिष जिन्दाबाद यदि नहीं हुई तो व्यक्ति किसी अन्य ज्योतिषी के द्वार पर पहुंच जाते है फिर से लुटने के लिए। कर्महीन, पुरुषार्थ से रहित जीवन व भाग्यवादी विचारों से युक्त व्यक्ति अपना भविष्य जानने के लिए क्या नहीं करते है। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे ज्योतिषी की तलाश होती है जो उनका सही भविष्य बता दे इसके लिए दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न जाना पड़े, कितने ही ज्योतिषीयो के द्वार से लुट कर आना पड़े उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। सारी उम्र भविष्य जानने में और टोटके करने में निकल जाती है लेकिन फिर भी भविष्य जानने की इच्छा समाप्त नहीं होती है – अपना नहीं जान पाए तो क्या हुआ अपने बच्चों नाती पोते का भविष्य तो जान कर ही रहेगें इस तरह से एक बार फिर से वही क्रम आरम्भ हो जाता है। व्यक्ति जब अपनी बुद्धि को बंद कर पुरुषार्थ का त्याग करके भाग्य, प्रारब्ध, पूर्वजन्म, ग्रह दशा आदि पर विश्वास करना प्रारम्भ कर देते है तो समझ लीजीए कि ज्योतिषीयो के अच्छे दिन शुरु हो गए उनके ठगी के धन्धे के फलने फूलने के दिन आ गए यूं समझ लीजीए कि ज्योतिषीयो के लिए बसंत का मौसम और उनके ग्राहको के लिए पतझङ शुरु हो गया कुछ दो चार हरे पत्ते जो उनके कर्म रुपी पेङ पर बचे हुए होते है वह भी ठग लिए जाएगें और उपर से नये पत्ते आने की हर सम्भावना ही समाप्त कर दी जाएगी। भविष्य पूर्वनिश्चित नहीं है उसे ज्योतिष के निश्चित सिद्धांत द्वारा नहीं जाना जा सकता है और ग्रह हमारे जीवन के किसी भी क्रियाकलाप के पीछे नहीं है इसलिए उन्हे प्रसन्न करने के लिए किए जाने वाले व अन्य किसी भी प्रकार के टोटको से कुछ नहीं होता है यह एक भ्रम है कि ग्रह हमारे भविष्य को प्रभावित करते है जिन्हे किसी टोटके से प्रसन्न कर भविष्य को बदला जा सकता है। भविष्य अनिश्चित है जो कर्म से बनता है न कि ग्रहों व टोटको से ज्योतिष केवल ठगी का धंधा है अन्य कुछ नहीं।
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