प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी समस्या से परेशान होता ही है समस्या चाहे मामूली हो या फिर गम्भीर उस से छुटकारा पाने का हर सम्भव प्रयास करता है इसी प्रयास मे वह अपने स्तर के साथ साथ अपने परिचित व मित्रों के सुझाव पर भी अमल करता है जिसके चलते समस्या समाप्ति की और भी बढ़ सकती है और समस्या का समाधान न हो ऐसी परिस्थिति भी बन सकती है। ऐसे मे व्यक्ति किसी भी प्रकार से अपनी समस्या का अंत करना चाहता है इसलिए उसका ज्योतिष तन्त्र मन्त्र टोटके आदि की और आकर्षित होना स्वाभाविक होता है। जब भी आप ज्योतिषीयों द्वारा प्रायोजित विज्ञापनों मे लिखे गए - हर समस्या का समाधानविवाहनौकरीव्यापारसन्तानशिक्षाविदेश यात्राआर्थिक परेशानी आदि का अन्त - प्रकार को पढ़ते है तो एक क्षण के लिए ही सही अपनी परेशानी से जोड़ कर देखने लगते है और एक बार आजमाने मे क्या हर्ज है यह विचार कर ज्योतिषीयों के बिछाए जाल मे फस जाते है। मकङी का जाल सबने देखा हुआ है और पता भी है मकङी उसे इस तरह से सुव्यवस्थित ढंग से बुनती है कि दूर से देखने पर बहुत अच्छा प्रतीत होता है। परन्तु जिस प्रकार से मकङी कीट पतंगो को अपने जाल मे फसाकर उनका खून चूसती हैठीक इसी प्रकार से ज्योतिषीयो ने भी "हर समस्या का समाधानधनवर्षा यन्त्रग्रह बाधा से मुक्तिग्रह पीड़ा निवारणमनचाही सन्तान आदि अनेक प्रकार के लुभावने विज्ञापनों का जाल बुनकर परेशानी व मुसीबत से घिरे व्यक्ति को फसाते है और आजीवन व्यक्ति के खून पसीने की कमाई को धीरे धीरे हज्म करते रहते है जिसका कि व्यक्ति को कभी जरा भी एहसास नहीं होता है।

ज्योतिषी/ज्योतिष फर्म द्वारा आपको किस तरह से फसाया जाता हैइसका एक उदाहरण पढ़े। आजकल ई-मेल का समय है और हर तरह की ई-मेल सभी को आती ही रहती है। मान लीजीए कि किसी ज्योतिषी या ज्योतिष से सम्बन्धित फर्म ने किसी मैच मे कौन सी टीम जीतेगी इसकी भविष्यवाणी की मेल 100 व्यक्तियो को भेजी। उन सौ व्यक्तियों मे से सभी को किसी एक टीम के जीतने की भविष्यवाणी वाली ईमेल नहीं भेजी जाएगी बल्कि सौ मे से 50 को टीम A के जीतने की और 50 को टीम B के जीतने की भविष्यवाणी वाली ईमेल भेजी जाएगी। यह तय है टीम A और B मे से कोई एक ही टीम जीतेगीऔर दोनो मे से किसी भी टीम की जीत के साथ ही उस टीम के जीतने की भविष्यवाणी वाली ईमेल के सभी व्यक्तियों के लिए ज्योतिष/फर्म की भविष्यवाणी भी सही हो जाएगी। मान ले कि टीम A जीत गई तो जिन 50 व्यक्तियो को टीम A के जीतने की मेल भेजी गई थी अगली बार उन्हे ही मेल भेजी जाएगी क्योंकि जिन्हे टीम बी के जीतने वाली ईमेल भेजी गई थी वह टीम ए की जीत के साथ ही गलत हो गई इसलिए उन्हे अगली बार कोई ईमेल नहीं भेजी जाएगी। अब जिन 50 व्यक्तियों को ईमेल भेजी जाएगी उनमे से 25 को टीम A और 25 व्यक्तियों को टीम B के जीतने की ईमेल भेजी जाएगी। इस बार मान लीजीए टीम B जीत गई तो अगली मेल भी उन 25 को ही भेजी जाएगी जिन्हे टीम B के जीतने वाली ई-मेल भेजी गई थी जिनमे से आधे व्यक्तियो को फिर से टीम A और आधे को टीम B की जीतने की बात लिखी होगी। A और B मे से कोई एक तो जीतेगी ही इस बार टीम A जीत गई तो इस बार ईमेल भी उन 12 व्यक्तियो को ही भेजी जाएगी जिन्हे टीम A के जीतने की बात कही गई थी। इस समय तक यह 12 व्यक्ति पूरी तरह से जाल मे फस चुके होते है क्योंकि उनको मिल रही सभी ईमेल मे टीम के जीतने की बात हर बार सत्य हो रही थी। अब ज्योतिषी/फर्म अपना असली दाव खेलते है - जिस के बाद व्यक्ति लुटते जाते है ज्योतिष को सही मानकर। उन्हे इस बात का पता ही नहीँ होता है कि किस तरह से उनको फसाया गया/जाता हैसौ हजार नहीँ लाखो व्यक्तियो को फसाया जाता है। इस तरह के अनेक हथकंडे है ज्योतिषीयो के हर रोज नये-नये तरीके निकाले जाते है जिनके बारे मे आपको बताया जा रहा हैआवश्यकता है तो उसे समझकर ज्योतिषीयों से दूर रहकर स्वयं के पुरुषार्थ से कर्म कर सफलता प्राप्ति की न कि अन्धविश्वास व अज्ञान के कारण ग्रहों को प्रत्येक घटना का कारण मानकर ज्योतिषीयों के द्वार पर आजीवन लुटते रहने की - बोगस ज्योतिष के नाम पर।

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