ज्योतिषीयों द्वारा बताए
जाने वाले ग्रहों के टोटके/उपाय जिन्हे करते हुए उम्र बीत गई लेकिन ग्रह आज तक ठीक
नहीं हुए यदि ज्योतिषीयो द्वारा बताए उपायों से अगर ग्रह ठीक नहीँ हो रहे हो तो इन
बातों पर गौर करे हो सकता है उन पर विचार करने के पश्चात कोई उपाय किए बिना ही सब
ग्रह ठीक हो जाएं।
सूर्य :- जल तो आप हर दिन देते ही
है, एक दिन
यह देँखे कि वह जा किधर रहा है। कोई भी काम करने से पहले गुङ खाकर पानी पीते ही
होगेँ, फिर
भी काम नहीँ बन रहेँ है। अगली बार जीरा, अजवायन, मिर्च, आदि खा कर जूस, लस्सी पी कर देखेँ क्या पता काम बन जाए।
चन्द्रमा :- पूर्णिमा या सोमवार का
व्रत करते हुए थक चुके है, ऊपर से सूर्यास्त के पश्चात दूध भी नहीं पीकर सेहत का और सत्यानाश। चांदी
तो बहाने से रहे - मंहगा जो है अपना वजन अभी जितना है उसका 1/6 कर के देखिए क्या पता चन्द्रमा प्रसन्न हो जाए।
मंगल :- मसूर की दाल पूरे परिवार
ने खाई नहीँ होगी, जितनी आप बहा चुके है। रेवङिया बताशे बहाने की बजाय घर ले जाते तो मंगल का
तो पता नहीँ, आपके बच्चे बहुत खुश होते। आन्खो मे सफेद सूरमा लगा कर कभी दूसरो से भी
पूछ लेना चाहिए कि आप कैसे लग रहेँ है ।
बुध :- बुआ मौसी बहन आदि
जहाँ भी जिस चौराहे पर मिलती होँगी उतनी बार आप पाँव छू कर आशीर्वाद लेते ही होगेँ
जो गलत बात भी नहीँ है - पर बुध पहचान पा रहा है बुआ मौसी को किसे पता। हरे रंग का
तोता तो पाला ही हुआ है, जब आप स्वयं इन्सान हो कर भी बुध को ठीक नहीँ कर सकते, वह तो बेचारा तोता ही है।
गुरु :- पीले रंग का रुमाल तो जेब
मे रखा मिल ही जाएग यह अलग बात है कि आपकी जेब मे पङे हुए रुमाल को गुरु देख पाता
हो या नहीँ। पीपल का वृक्ष टैरेस पर तो लगता नहीँ है कहीँ दूर किसी गांव मे लगाया
होगा तो जब तक वह बङा होकर आपके गुरु को ठीक करने लायक होगा - तब तक गुरु की दशा
ही नहीँ रहेगी। हल्दी रोज खाते ही है जब पेट मे जाकर भी वह
गुरु को ठीक नहीँ कर पाई तो ...
शुक्र :- गन्दे नाले - गटर मे नीला
फूल बहाया ही होगा अब मत बहाए हर रोज बदबू सेहत के लिए अच्छी नहीँ होती है। चान्दी
की डिब्बी मे शहद भी किसी अलमारी मे पङा होगा - शहद की बजाय उसमे जैम भरे और
बाथरुम, रसोई, या कहीँ और रख कर देखेँ
शायद कुछ हो जाए। चान्दी की गोली तो जेब मे रखी ही है पर जेब फिर भी खाली है
चान्दी की गोली की बजाय कन्चे रख कर देखिए - क्या पता जेब भर जाए।
शनि :- रोज कौवो को रोटी देते ही
होगेँ जहाँ पर देते हैं, वहां पर CCTV लगा कर देखिए - पता तो
चले कौन खा रहा है। मछलियों को आटे की गोलियाँ भी बहुत खिलाई - पर वह तो बताने से
रही कि शनि ठीक हुआ या नहीँ। कभी शार्क मछली को आटा खिला कर देखिए वह बङी मछली
होती है शायद ठीक कर दे। शार्क भी काम न कर पाए तो व्हेल मछली की तलाश करे - वह
पक्का शनि को ठीक कर देगी।
राहु :- खाना भी रसोई मे बैठकर ही
खाते होगें कभी ड्राईंग रुम बाथरुम या बाल्कोनी मे बैठकर खाना खा कर देखें क्या
पता राहु प्रसन्न हो जाए। घर मे रोज टोपी पहन कर रखते होगें सोते समय भी नहीँ
उतारते होगेँ क्योँकि दफतर कितने दिन टोपी पहन कर जाएगेँ, ऊपर से गर्मी। अब आपको
क्या पता कि ज्योतिषी ने आपको टोपी पहना दी है - वह भी कई हजार की। मूली सिरहाने
रख कर भी देख ली होगी पर राहु को आंच भी न आई उपर से मूली की बदबू बर्दाश्त करनी
पङ्ती है वह अलग। कभी गाजर, भिंडी, टिन्डे, शलगम आदि रख कर देखिए क्या पता राहु को मूली पसन्द न हो।
केतु :- कुते को रोटी देते ही
होगेँ अच्छी बात है बजाय पानी मे बहाने के, किसी का पेट भर जाता है
और काला कुता तो मोटा ताजा हो ही गया होगा तेल मे चुपङी हुई रोटी खा कर। 43 दिन बाद उस से पूछना न भूलें कि आपका केतु ठीक हुआ या नहीँ - आखिर केतु तो
उसी ने ठीक करना है।
इन उपायो को करने की
आवश्यकता ही नहीँ है पढ़ने मात्र से ही सब ग्रह अच्छे हो जाएगेँ अगर दिमाग पर कुछ
जोर डालेँ तो और विचार करें कि पृथ्वी से करोङों किलोमीटर दूर स्थित, गैस से निर्मित ग्रह
ज्योतिषीयों द्वारा बताए जा रहे दाकियानुसी टोटकों से किस प्रकार ठीक हो जाएंगे।
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