ज्योतिषीयोँ द्वारा कही
जाने वाली सामान्य बाते जो प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होती है जिनमे भविष्यवाणी
जैसा कुछ भी नहीं होता है जिन्हे कोई भी व्यक्ति बिना कुंडली देखे भी बता सकता है
लेकिन जिन्हे आप भविष्यवाणी समझ लेते है क्योंकि आपने ज्योतिषी को अपने दिमाग मे
बैठा लिखा है इसलिए उसकी काही सामान्य बातों को भी भविष्यवाणी समझ लिया जाता है
ऐसी ही कुछ सामान्य बातो को लिखा जा रहा है जिससे कि आपको सामान्य बाते व
भविष्यवाणी के मध्य अन्तर ज्ञात हो और आप स्वयं को मूर्ख बनकर लूटे जाने से बचा
सके।
• गाङी चलाते समय सावधानी
बरतेँ।
- सर्वव्यापी सच्चाई है
कि व्यक्ति को गाड़ी चलाते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि सावधानी हटी दुर्घटना घटी
तो अगर ज्योतिषी यह बात नहीँ कहेगा, तो क्या व्यक्ति सावधानी
नहीँ बरतेगा? अवश्य बरतेगा लेकिन समस्या वहां से शुरु होती है जब गाड़ी चलाने मे सावधानी
रखने जैसी सामान्य बात को भी भविष्यवाणी करार दे दिया जाता है।
• स्वाथ्य का ध्यान रखेँ।
- वह तो एक डाक्टर भी
बोलता है ! यह सुनने के लिए ज्योतिषी की क्या जरुरत सभी जानते है कि स्वास्थ्य का
ख्याल रखना आवश्यक होता है जिसमे खान पान भी सम्मिलित होता है लेकिन यदि मौसम
अनुसार या अन्य किसी कारण से बीमार पङ गए तो ज्योतिषी की भविष्यवाणी याद आ जाती है
कि सही हो गई।
• विवाह के बाद मन-मुटाव रह
सकता है इसलिए कुंडली मिला कर ही विवाह करेँ।
- विचारोँ मे मतभेद एक आम
बात है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव भिन्न होता है इसलिए भिन्नता होना कोई
भविष्यवाणी नहीं है बल्कि सामान्य बात ही है और ज्योतिषीयो के रहते कोई भी व्यक्ति
बिना कुंडली मिलान के विवाह की सोच भी नहीँ सकता है, जैसे कि कुंडली मिलान के
पश्चात सब कुछ ठीक ही रहेगा जिसकी गारंटी आपको कोई ज्योतिषी नहीं देगा क्योंकि वह
स्वयं नहीं जानते की अगले क्षण क्या होने वाला है तो वर्षो के समय के बारे मे कैसे
बता सकते है।
• आपकी शिक्षा बहुत अच्छी
है, आप बहुत
पढ़ेगे, एक
दिन बहुत बड़े व्यक्ति बनेंगे।
- सामान्य बात है आजकल
शिक्षा अनिवार्य है इसलिए सभी पढ़ लिख कर सफल होना चाहते है यह भी कोई भविष्यवाणी
नहीं है जैसे कोई बिना ज्योतिषी की सलाह लिए पढ़ ही नहीँ सकते होँ। हर व्यक्ति
पढ़ता है और पढ़ना चाहता भी है इसमे नया कुछ भी नहीं है।
• सरकारी नौकरी के योग नहीँ
है प्राइवेट मे कोशिश करेँ।
- ज्योतिष मे ऐसा कोई
सिद्धान्त नहीं है जो सरकारी अथवा प्राइवेट नौकरी को सुनिश्चित करता हो और नौकरी
का योग होते तो जैसे उसी समय लग जाते, सरकारी नौकरी तो ख्वाब ही
बन गया है इसलिए प्राइवेट ही कहना पड़ता है।
• आपको क्रोध बहुत आता है।
- विश्व मे ऐसा कौन सा
व्यक्ति है जिसे क्रोध नहीं आता है अतः ऐसी सामान्य बात प्रत्येक व्यक्ति पर लागू
होती है इसलिए सही होती है लेकिन इसमे भविष्यवाणी जैसा क्या है यह बताने की
आवश्यकता नहीं होनी चाहिए आखिर इतना दिमाग तो प्रत्येक व्यक्ति मे होता है – की नहीं।
• आप किसी पर भी इतनी आसानी
से विश्वास नहीँ करते है।
- अरे भाई कैसे नहीँ करते
है ! इसीलिए तो आप (ज्योतिषी) उन्हे ठग पा रहेँ है। प्रत्येक अंधविश्वासी व्यक्ति
को लगता है की वह किसी पर आसानी से विश्वास नहीं करता है या उसे कोई भी मूर्ख नहीं
बना सकता है जो वास्तव मे उसका भ्रम होता है यदि नहीं, तो क्या कोई व्यक्ति
पृथ्वी से करोड़ो किलोमीटर दूर पत्थर गैस बर्फ आदि से निर्मित ग्रहों को ठीक करने
के लिए कुंडली लेकर किसी ज्योतिषी के पास बैठा रहता।
• आप बहुत आलसी है।
- यह बात बिल्कुल सही कही, आलसी है इसीलिए तो कर्म
छोङकर ज्योतिषीयो के द्वार पर बैठे रह कर ग्रहोँ से सब कुछ करने की उम्मीद कर रहेँ
है परिश्रम करने वाले व्यक्ति कभी ग्रहों के भरोसे रहकर ज्योतिषी के द्वार पर नहीं
जाते है।
• भगवान पर विश्वास रखिए वह
सब ठीक कर देगा।
- अपने ठगी के धंधे के
लिए ज्योतिषीयों ने भगवान को भी नहीं छोड़ा है उसके स्तर को भी गिराने मे लगे हुए
है जिसका परिणाम यह है कि व्यक्ति भगवान से अधिक ज्योतिषी पर विश्वास करने लगे है
अर्थात ज्योतिषी ही स्वयंभू भगवान बन बैठे है। भगवान पर विश्वास करने वाले व्यक्ति
कभी भी किसी ज्योतिषी के द्वार पर नहीं जाएंगे क्योंकि ज्योतिष को भगवान ने नहीं
बनाया है न ही उसने ज्योतिषी के पास जाकर ग्रह ठीक करवाने को कहा है। उसने कर्म
करने को कहा है न कि भाग्य के भरोसे रहकर टोटके करने को कहा है लेकिन अंधविश्वासी
व्यक्ति को स्वयं पर भी विश्वास नहीं होता है तो भगवान पर कैसे हो सकता है – हाँ “ज्योतिषी भगवान” हो तो
बात अलग है।
• आपके पास पैसा तो बहुत
आता है पर रुकता नहीँ है।
- रुके तो तब न जब
व्यक्ति ज्योतिषीयो से दूर रहे, धन आज के विश्व की प्रथम आवश्यकता बन गई है प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि
उसके पास धन हो जिसके लिए वह बचत करने का प्रयास करते है और अपने इस प्रयास मे
मंहगाई अनावशयक व अनायास व्यय के कारण बचत नहीं हो पाती है तो यह बात बिल्कुल सही
होती है
• आप परिश्रम तो बहुत करतेँ
है पर उतना फल नहीँ मिलता।
- प्रत्येक व्यक्ति
यही सोचता है कि वह बहुत मेहनत कर रहा है और उसे अपने परिश्रम अनुसार फल नहीं
मिलता है जिसका कारण वह अपनी किस्मत को समझता है और किस्मत को बदलने के लिए ग्रहों
के फेर मे फस जाता है इसी कारण ज्योतिषीयों का ठेगी का धंधा भी चल रहा है जिस दिन
उसे यह एहसास हो गया कि दोष किस्मत का नहीं वरन उसके परिश्रम मे कमी का है, समस्या ही समाप्त।
• आपके ग्रह खराब है। दशा
सही नहीं चल रही है।
- अन्धविश्वास के कारण
व्यक्ति अपने साथ होने वाली प्रत्येक घटना के लिए ग्रहों को ही जिम्मेवार समझते है
अतः आप किसी भी परेशान व्यक्ति से कह सकते है कि उसके ग्रह ठीक नहीं है जिसके कारण
समय ठीक नहीं चल रहा है और वह चुपचाप बिना कोई प्रश्न किए मान लेगा। इसी मानसिकता
के कारण ज्योतिषीयोँ ने अपनी वर्कशाप खोल रखी है, जो मर्जी ग्रह ठीक करवा
के ले जाओ अब तो इन्टरनेट पर भी इन्होने दुकाने खोल ली है, जब जी चाहे ग्रह ठीक करवा
लो।
• आपकी कुंडली मे कालसर्प
योग है, इसकी
शान्ति करवानी पङेगी।
- यह तो ब्रह्मास्त्र है
51000 रूपये से 1,50,000 रूपये तक की
है यह शान्ति। करवाने वाले को अब भी शान्ति नहीँ मिली तो कब मिलेगी। क्योंकि उन्हे
तो पता ही नहीं है कि यह एक बोगस योग है केवल लूटने के लिए ही बनाया गया है उन
ज्योतिषीयों के द्वारा जिन्हे राहु केतु क्या है यह भी पता नहीं है।
• आपको आजकल राहु की दशा चल
रही है गुरु की दशा मे सब ठीक हो जाएगा।
- यह बात एक सांत्वना
पुरुस्कार की तरह होती है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपनी समस्या का शीघ्र अन्त करना
चाहते है और जानना चाहते है कि कब वह समय आयेगा और ज्योतिषी भी जानते है कि किस
व्यक्ति से क्या कहना है इसलिए समस्या अनुसार टोटके व कोई भी समय दे दिया जाता है
व्यक्ति के द्वारा स्वयं के प्रयास के कारण समस्या का अंत तो एक दिन होना ही है
उसका ग्रह दशा से कोई सम्बन्ध नहीं होता है यदि ऐसा होता तो कुछ भी करने की
आवश्यता नहीं होती - सिवाय ग्रह दशा आने का इन्तजार करने के।
• एक दिन आप बहुत बङे आदमी
बनेगेँ आपके पास धन मकान ऐश्वर्य सब कुछ होगा।
- चाहे अन्त मे ही सही
लेकिन ऐसा कहना पङता है क्योंकि व्यक्ति यही जानने के लिए ज्योतिषी के पास जाते है
कि उनके पास धन वाहन मकान सम्पति आदि कब होगा। किसी व्यक्ति से आप यह नहीं कह सकते
है कि वह सदैव गरीब रहेगा उसके पास धन वाहन मकान आदि कुछ नहीं होगा दोनो ही स्थिति
व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक रुप से प्रभावित करती है और ज्योतिषी को फीस भी लेनी होती
है जिसके लिए व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक रुप से प्रभावित करने के लिए अच्छी बाते ही
कही जाती है जिससे वह प्रसन्न होकर हरे हरे नोट देकर जाए।
उपरोक्त लिखी हुई बातों
और उनके विश्लेषण को पढ़ने के बाद समझ सकते है कि ज्योतिषी किस प्रकार से सामान्य
बातों को भविष्यवाणी का रूप देकर समाज को मूर्ख बना रहें है और व्यक्ति बन रहें है
क्योंकि वह स्वयं मूर्ख बनाकर ठगे जाने के लिए ज्योतिषी के द्वार पर जाते है और
भविष्यवाणी के नाम पर सामान्य ज्ञान की बातों के लिए हजारों रुपए लुटाकर आते है, लेकिन अभी भी देर नहीं
हुई है इस ग्रुप मे ज्योतिष के बोगस होने के अनेक प्रमाण दिए जा रहें है उन्हे
पढ़िए, समझिए
और इस ठगी के धंधे से अपने आप को बचाइए।
एक टिप्पणी भेजें