भविष्यवाणी का मनोविज्ञान
भविष्यवाणी का मनोविज्ञान

भविष्य जानने की उत्सुकता व्यक्ति को ज्योतिषी के पास खींच लाती है, ऐसे ज्योतिषी के पास जो स्वयं अपना भविष्य नहीं जानते है लेकिन ज्योतिष के विषय मे फैलाये गए भ्रम के कारण समाज मे प्रचलित धारणा बन चुकी है कि ज्योतिष भविष्य बताने की विद्या है और ज्योतिषी अपने ज्योतिष के ज्ञान से किसी भी व्यक्ति का भवि...

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30Jun2016

ज्योतिषी के खिलाफ कानून
ज्योतिषी के खिलाफ कानून

किसी भी ज्योतिषी से संपर्क करने के पहले सर्व प्रथम आपको यह पता होना चाहिए की पूरा फलित ज्योतिष बोगस है और इसमें एक भी सही सिद्धांत नहीं है जिस से किसी भी व्यक्ति के भविष्य के बारे मे सही व सटीक बताया जा सकता हो। ज्योतिष केवल ठगी का धन्धा है ज्योतिष कैसे बोगस है यह आपको बताया जा रहा है और आने वाले...

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25Jun2016

ज्योतिष, फलित ज्योतिष व खगोलशास्त्र मे अन्तर
ज्योतिष, फलित ज्योतिष व खगोलशास्त्र मे अन्तर

अधिकतर व्यक्ति ज्योतिष/फलित ज्योतिष और खगोलशास्त्र के मध्य अन्तर नहीं जानते है जिसका कारण है खगोलशास्त्र का सामान्य ज्ञान भी न होना इसलिए खगोलशास्त्र को ही फलित ज्योतिष समझकर उसे विज्ञान मानते रहते है। • ज्योतिष का प्राचीन कालीन अर्थ :- प्राचीन काल में ग्रह, नक्षत्र और अन्य खगोलीय पिण्डों का अध्य...

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20Jun2016

फलित ज्योतिष और वेद
फलित ज्योतिष और वेद

फलित ज्योतिष(predictive astrology) और वेद दोनों का ही आपस मे कोई सम्बन्ध नहीं है न ही फलित ज्योतिष का पुराण उपनिषद धर्म ग्रन्थों और अन्य शास्त्रो से किसी प्रकार का कोई सम्बन्ध है। ज्योतिषीयों द्वारा ज्योतिष के सम्बन्ध मे भ्रमित करने वाले प्रचार के कारण समाज मे यह धारणा व्याप्त हो चुकी है कि फलित ज्...

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15Jun2016

ज्योतिष मे राशियों का वर्णन/स्वरुप
ज्योतिष मे राशियों का वर्णन/स्वरुप

ज्योतिष मे राशियों का वर्णन - राशियां जो तारों का ही समूह है, उन्ही तारों को इस प्रकार के आकार रंग रुप प्रकृति आदि देना आज के ब्रम्हांड के ज्ञान के अनुसार तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता है। वह तारे जो हमारे सौरमंडल मे ही नहीं है उनके भविष्य सम्बन्धी प्रभाव की बात आज के विज्ञान के युग मे करना तर्...

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10Jun2016

ज्योतिष मे ग्रहों का विवरण
ज्योतिष मे ग्रहों का विवरण

ज्योतिष शास्त्र मे दिया गया ग्रहो का विवरण। क्या आज की जानकारी से कहीं से भी सही प्रतीत होता है। सूर्य:- मधुपिङ्गलदृक्सूर्यश्चतुरस्रः शुचिर्द्विज। पित्तप्रकृतिको धीमान्‌ पुमानल्पकचो द्विज॥ २३॥ अर्थः- सूर्य शहद के सदृश भूरे नेत्रों वाला, चौकोर शरीर, स्वच्छ कांति वाला, पित प्र...

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05Jun2016
 
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