भविष्य जानने की उत्सुकता
व्यक्ति को ज्योतिषी के पास खींच लाती है, ऐसे
ज्योतिषी के पास जो स्वयं अपना भविष्य नहीं जानते है लेकिन ज्योतिष के विषय मे
फैलाये गए भ्रम के कारण समाज मे प्रचलित धारणा बन चुकी है कि ज्योतिष भविष्य बताने
की विद्या है और ज्योतिषी अपने ज्योतिष के ज्ञान से किसी भी व्यक्ति का भविष्य बता
सकते है। झूठ यदि अनेक बार और अधिक समय तक दोहराया जाए और उसका विरोध कर सत्य
बताने वाला कोई न हो, न ही सच पता करने का अन्य माध्यम हो तो
झूठ भी सच लगने लगता है यही बात ज्योतिष पर लागू होती है इसी कारण ज्योतिष जैसे
अन्धविश्वास पर व्यक्ति आज भी विश्वास करते है। भविष्य जानने की उत्सुकता के कारण
व्यक्ति अपने भूतकाल के विषय मे दी गई जानकारी पर विचार नहीं करते है इसलिए जब
ज्योतिषी द्वारा वही बाते वापिस बताई जाती है तो उसे ज्योतिषी द्वारा की गई सही
भविष्यवाणी समझ लिया जाता है ऐसा मनोवैज्ञानिक प्रभाव के कारण होता है। जिस प्रकार
जादूगर अपने जादू के कारनामे के पीछे के विज्ञान और ट्रिक को कभी किसी को नहीं
बताते है ठीक उसी प्रकार ज्योतिषी भी अपनी सही हो रही भविष्यवाणी के पीछे के
मनोविज्ञान के बारे मे कभी नहीं बताएगें। परन्तु एक बात आप गांठ बांध ले कि
ज्योतिषी द्वारा बताई गई कोई बात सही हो गई तो उसके पीछे ज्योतिष का कोई सिद्धांत
नहीं है ज्योतिष मे ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जिससे व्यक्ति के भूत भविष्य के बारे
मे सही सही बताया जा सके, यदि होता तो ज्योतिषी अब तक बता
चुके होते इसलिए सही प्रतीत हो रही भविष्यवाणी का कारण मनोविज्ञान है न कि
ज्योतिष। ज्योतिषी की भविष्यवाणी शाब्दिक हेर फेर से अधिक कुछ नहीं होती है और एक
ही शब्द के अनेक समानार्थक/पर्यायवाची शब्द होते है उनमे से व्यक्ति अपनी सुविधा
अनुसार उचित शब्द चुनकर अर्थ निकाल लेते है जिसे मनोवैज्ञानिक रुप से भविष्यवाणी
समझ लिया जाता है। किसी विशेष परिस्थिति मे कोई विशेष बात सही निकलने पर उसे
ज्योतिष का चमत्कार समझ लिया जाता है व्यक्ति इस बात से अन्जान रहते है कि जो
विशेष बात ज्योतिषी ने बताई है वह कुछ देर पहले ही व्यक्ति स्वयं बता चुका होता है
परन्तु जिस प्रकार से छोटे बच्चो को 19 का पहाङा याद नहीं
रहता है उसी प्रकार ज्योतिषी भी अपने ग्राहक के दिमाग पर अपने 19 के पहाङे की ऐसी पट्टी बांधते है जिस से व्यक्ति को और कुछ याद ही नहीं
रहता है यही ठगी के धन्धे का मन्त्र है। यदि आप किसी ज्योतिषी को केवल जन्म वर्ष
मास तिथि समय व स्थान ही बताएं तो वह यह भी नहीं बता पाएगें कि कुंडली पुरुष की है
या महिला की। चूंकि इसके उतर के सही व गलत होने की सम्भावना 50/50 है तो तुक्का किसी भी ओर लग सकता है यदि सही लग गया तो व्यक्ति यही समझते
है कि ज्योतिषी ने सही बता दिया है इसलिए ज्योतिष सही है जब्कि किसी भी प्रश्न
जिसके 50/50 वाले उतर हो, वह तो सिक्का
उछालने से भी मिल जाएगा - ज्यादा बार जिस ओर गिरे उसे सही मान लो साथ मे यह भी कि
सिक्का भविष्य बताता है।
जब आप किसी ज्योतिषी के पास जाते हैं, तो निश्चित होता है कि किसी समस्या से पीडित हैं, जिसका
निवारण किसी अन्य तरीके से नहीं हो पा रहा है इसलिए आपको लगता है कि सभी तरीके आजमाने
के बाद भी समस्या जस की तस है तो इसमे किसी अदृश्य शक्ति या ग्रह आदि का हाथ है,
व्यक्ति ऐसी मानसिकता के साथ ही ज्योतिषी के पास जाते है इसलिए उसकी
कही प्रत्येक बात स्वीकार्य होती है। ज्योतिषी के पास जाते ही उसने कुंडली देखते
ही कह दिया कि आजकल आपकी ग्रह दशा ठीक नहीं चल रही है इसलिए समय अनुकूल नहीं है,
और आपने भी हामी भरते हुए मान लिया बात तो सही है - चूंकि व्यक्ति
अपने साथ घटने वाली प्रत्येक घटना का कारण ग्रहों को ही समझते है इसलिए किसी भी
प्रकार की समस्या होने पर ज्योतिषी का रुख किया जाता है। ज्योतिषी यह बात अच्छी
तरह से जानते है कि किसी समस्या से त्रस्त व्यक्ति ही उनके पास आएगें इसलिए यह कह
देना कि ग्रह दशा के कारण समय अनुकूल नहीं है, बिल्कुल सही
भविष्यवाणी होगी। ज्योतिषी अपनी भविष्यवाणी का आरम्भ स्वरूप आपके बारे में आपसे
कुछ ऐसी बातें कहते है, जिन्हें सुनकर आपको लगता है कि वह
बिलकुल सही कह रहा है। वास्तव मे ज्योतिषी जो बातें आपसे कह रहा होता है वह बेहद
सामान्य बातें होती है जो बिना किसी की कुंडली देखे भी बताई जा सकती है और
प्रत्येक व्यक्ति पर लागू हो जाएगी। यदि आप स्वयं भी उन बातों को किसी अन्य व्यक्ति
से कह दें तो वह भी आपसे उतना ही प्रभावित हो जाएगा जितना कि आपको ज्योतिषी ने
किया होता है क्योंकि यहां पर ज्योतिष नहीं बल्कि मनोविज्ञान काम कर रहा होता है
और मनोविज्ञान के कारण ज्योतिषी द्वारा बताई जा रही बाते सही प्रतीत होती है।
लेकिन यदि आप ज्योतिषी द्वारा बताई जा रही बातों को ध्यानपूर्वक सुनकर विचार
करेगें तो आप पाएगें कि सभी बातें सामान्य है जैसे कि आपसे कहा जाए कि आप बहुत
अच्छे व दिल के साफ व्यक्ति है - दुनिया का कौन सा व्यक्ति होगा जो स्वयं को एक
अच्छा व दिल का साफ नहीं समझता है प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को अच्छा ही समझते है
चाहे वह कंस और रावण ही क्यों न हो। इसलिए अब यदि आप कभी किसी ज्योतिषी को अपनी
जन्म-कुण्डली दिखाएं तो उसकी बातों को ध्यान से सुनते हुए उसका अर्थ समझने का
प्रयास करें जिसके कि आप समझ सकें कि ज्योतिषी वास्तव मे कोई भविष्यवाणी नहीं कर
रहा है अपितु मनोवैज्ञानिक रुप से आपके दिमाग के साथ ठगी का खेल खेला जा रहा है जब
आप यह बात समझ जाएगें तो उसके पश्चात फिर कभी ज्योतिषी के पास नहीं जाएगें।
व्यक्ति के भूतकाल का चित्रण करना सरल होता है क्योंकि
व्यक्ति स्वयं ही उसके बारे मे बता देते है और बताना भी पङता है वरना ज्योतिषी कह
देगा कि वह कोई भगवान थोङी है जो सब कुछ जानता है। व्यक्ति भी इससे अपनी सहमति
जताकर अपने बारे मे ऐसे बताना शुरु करते है जैसे ज्योतिषी से अपनी जीवनी लिखवाने
के लिए आए हो और अपनी शिक्षा नौकरी व्यापार सन्तान स्वास्थ्य धन सम्पति विवाह आय
व्यय परिवार आदि के बारे मे बहुत सी अहम जानकारी दे देते है। इसके पश्चात ज्योतिषी
द्वारा भूतकाल के विषय मे बताई गई सही बात को भविषयवाणी समझकर बङी उत्सुकता से
अपने भविष्य के बारे मे बताए जाने की प्रतीक्षा करते है यहीं से ज्योतिषी का खेल
प्रारम्भ होता है जिसे आप समझ नहीं सकते है क्योंकि ज्योतिषी ने आपके भूतकाल के
बारे मे सही बताकर मनोवैज्ञानिक रुप से पहले ही इतना अधिक प्रभावित कर दिया होता
है कि आप भविष्यवाणी का खेल खेलने के लिए मानसिक रुप से तैयार होते है और आपको
ज्योतिषी द्वारा मूर्ख बनाए जाने का जरा भी एहसास नहीं होता है। भूतकाल का सही
चित्रण होने के बाद बारी आती है भविष्य की जो न आप जानते है न ही ज्योतिषी लेकिन
ज्योतिषी नहीं जानते है यह बात मानने को आप तैयार नहीं होते है भले ही ज्योतिषी
नहीं जानते हो लेकिन ज्योतिष तो बता सकता है तो ज्योतिष का ज्ञान रखने वाले
ज्योतिषी अवश्य बता सकते है अभी अभी ही ज्योतिषी ने सही भूतकाल बताया है और अब
भविष्य बताने वाले है इस विचार के साथ आप पूर्ण रुप से स्वयं को मूर्ख बनाए जाने
का इन्तजार करते हुए भविष्य से सम्बन्धित जिन प्रश्नों को करते है वह भी सामान्य
होते है जैसे विवाह कब होगा नौकरी कब लेगेगी व्यापार करें कि नौकरी आर्थिक स्थिति
कब सही होगी स्वास्थ्य कैसा रहेगा आदि। इन्ही प्रश्नों के उतर ज्योतिषी को देने
होते है और ज्योतिषी वर्षों से यही कार्य करते आ रहे है, उन्हें व्यक्ति की परिस्थिति अनुसार इन प्रश्नों का कोई भी उतर देने मे
कोई परेशानी नहीं होती है। वर्षो के अनुभव और मनोविज्ञान के कारण ज्योतिषी को इतनी
महारत हासिल हो जाती है कि किसी भी व्यक्ति को भविष्य सम्बन्धी प्रश्न के संदर्भ
मे संतुष्ट किया जा सके ज्योतिषी को कौन सा किसी घटना का लाईव टेलीकास्ट दिखाना है
अथवा सटीक समय बताना होता है बस "हो सकता है, योग
है" आदि कहकर ही बात बन जाती है। ज्योतिषी यह बात अच्छी तरह से जानते है कि
किस व्यक्ति को मानसिक रुप से किस प्रकार संतुष्ट करना है क्योंकि एक संतुष्ट
ग्राहक ही बार बार आता है और धन्धे के लिए ग्राहक का संतुष्ट होना आवश्यक होता है।
ज्योतिषी जैसे जैसे भविष्य बताने की कला मे माहिर होते जाते है उनकी भविष्यवाणी
उतनी सही होती जाती है और ऐसे ज्योतिषी ज्योतिष के विद्वान कहलाने लगते है।
सदैव स्मरण रहे कि ज्योतिष पूर्णत बोगस है सिद्धांतहीन है
इसमे ऐसा कोई भी सिद्धांत नहीं है जो सही हो और जिसके प्रयोग से सही भविष्य बताया
जा सकता हो। यदि ज्योतिष से सही भविष्य बताया जा सकता तो ज्योतिषी अपना व अपने
परिवार का भविष्य जानकर उसे सही कर देते न कि दूसरों का भविष्य बताने के नाम पर
मूर्ख बनाकर ठगी का धन्धा कर रहे होते। चूंकि व्यक्ति यह नहीं जानते है कि ज्योतिष
बोगस है और न ही जानने का प्रयास ही करते है इसलिए पृथ्वी से करोङो कि.मी. दूर
स्थित ग्रह जो कि गैस के गोले ही है, से डरकर
उनसे भविष्य जानने व उनके अशुभ प्रभाव को ठीक करने के नाम मूर्ख बनते रहते है।
आचार्य दार्शनेय लोकेश जी ने कहा था कि व्यक्ति यह प्रण करे कि अब हम मूर्ख नहीं
बनेगें तो उन्हे कोई भी मूर्ख नहीं बना सकता है। लेकिन इसके लिए व्यक्ति को इस बात
का पता भी होना चाहिए कि वह मूर्ख बन रहे है या उन्हे मूर्ख बनाया जा रहा है तब तो
वह मूर्ख बनने व बनाए जाने से बचे भी, जब यह बात समझ मे ही
नहीं आ रही है कि उन्हे मूर्ख बनाया जा रहा है तो इस अवस्था से बाहर कैसे आ सकते
है। उपरलिखित तथ्यों को जानकर भी यदि अब भी ज्योतिषी द्वारा मूर्ख बनाए जाने की
राह देख रहें है तो शौक से देखिए उसमे मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है वह आपका अधिकार
है उसका उपयोग अब तक करते आए है और आगे भी करते रहिए। फिर भी जो जिज्ञासु है और
कुछ जानने सीखने की इच्छा रखते है वह इस ग्रुप मे आकर ज्योतिषीयों के इस ठगी के धन्धे की पोल खुलते हुए स्वयं
देख सकते है और जान सकते है कि ज्योतिष कैसे बोगस है और ज्योतिषी ठग जो उन्हे
मूर्ख बनाकर लूट रहें है।
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