• ग्रहों का हमारे भविष्य पर प्रभाव पङता है।
- किस प्रकार से कोई ज्योतिषी नहीं जानता है आज तक कोई भी तथाकथित ज्योतिष विद्वान ग्रहों के मनुष्यबके भूत भविष्य पर पड़ने वाले प्रभाव को सिद्ध नहीं कर पाया है और आश्चर्य की बात तो यह है कि जिस पृथ्वी पर मानव रहता है उसका ज्योतिष में उल्लेख तक नहीं है तो ज्योतिषी पृथ्वी से करोड़ो किलोमीटर दूर ग्रहों के प्रभाव की बात करते है लेकिन अपने पाँव के नीचे धरती की नहीं।
• भविष्य पूर्वनिचित है।
- अतः कर्म करने की आवश्यकता नहीं है बस ग्रह दशा आने का इंतज़ार करो ग्रह सब दे ही देंगे यदि ग्रह देने से इन्कार करे तो टोटके करो, मन्त्र जपो, रंगीन पत्थर पहनो कभी न कभी तो ग्रहों को व्यक्ति का आदेश मानना ही पडेगा।
• ज्योतिष भविष्य बताता है।
- बिलकुल ज्योतिष भविष्य बताने के लिए ही तो बनाया गया था और विश्व में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे अपना भविष्य न पता हो बस अपनी अक्कल गिरवी रखकर ज्योतिषी के पास जाए और मनचाहा भविष्य पाएं - वह भी बिना किसी सही सिद्धांत के।
• ज्योतिष एक विज्ञान है।
- केवल दो प्रकार के व्यक्ति ही ज्योतिष को विज्ञान कहते है एक तो ज्योतिषी क्योंकि उनका यह पेशा है और दूसरे वह व्यक्ति जो कर्महीन और भाग्यवादी है इस कारण ज्योतिष पर अंधा विश्वास करते है ऐसे व्यक्ति शिक्षित होकर भी विज्ञान की परिभाषा तक नहीं जानते है। वास्तव में ज्योतिष ठगी का विज्ञान है।
• ज्योतिष का सम्पूर्ण ज्ञान रखने वाले ज्योतिषी ही सही भविष्य बता सकते है।
- अर्थात विश्वविद्यालय से Ph.D आचार्य आदि की डिग्रीधारी ज्योतिषीयों को भी ज्योतिष का सम्पूर्ण ज्ञान नहीं है ! तो फिर किसे है ? अब तक किसी को ऐसा एक भी ज्योतिषी नहीं मिला।
• ज्योतिषी गलत हो सकता है ज्योतिष नहीं।
- इस वाक्य को रटने वाले व्यक्तियों व् ज्योतिषीयों में से कोई भी किसी ठोस तर्क व प्रमाण के साथ यह सिद्ध नहीं कर पाया है कि ज्योतिष गलत क्यों नहीं हो सकता है। ज्योतिष कैसे सही है यह तो छोड़ो, कौन सा ज्योतिषी गलत है और कौन सा सही किसी को नहीं पता लेकिन फिर भी इस वाक्य को रटना जारी रहता है। इस प्रश्न को मैंने पूछा भी था कि ज्योतिष गलत क्यों नहीं हो सकता है लेकिन किसी ने भी उत्तर नहीं दिया।
• फलित ज्योतिष हमारे ऋषि मुनियों की देन है।
- ऋषियों के पास यही तो एक काम था कि वह इस ठग विद्या को बनाते फिर ज्योतिष का कार्य करने वालो को चांडाल कहते उन्हें सभ्य समाज से निकाल बाहर करते, उन्हें देखने तक की मनाही थी और आज व्यक्ति यह जानने के पश्चात भी ज्योतिषी के द्वार पर बैठे रहते है।
• ग्रह अपने गुरुत्व बल द्वारा भविष्य को प्रभावित करते है।
- ऐसी बातों को मानने वाले व्यक्तियों को तो किसी अजायबघर में होना चाहिए। 17वीं शताब्दी से पूर्व किसी व्यक्ति को अन्य ग्रहों का तो छोडो, पृथ्वी के गुरुत्व बल का भी ज्ञान नहीं था। आज का विज्ञान गुरुत्व बल को समझकर अंतरिक्ष में छलांग लगा चुका है तो क्या वह इतना सक्षम भी नहीं है कि गुरुत्व से भविष्य बनने, ग्रहों के भविष्य को प्रभावित करने के बारे में बता सके! जाहिर है कि आज का विज्ञान गुरुत्व बल के बारे में अधिक जानता है इसलिए वह प्रमाणित कर चुका है कि गुरुत्व बल से भविष्य नहीं बनता है न ग्रह अपने गुरुत्व बल से मनुष्य के भविष्य को प्रभावित कर सकते है लेकिन अंधविश्वासी व्यक्ति विज्ञान की बात को मानते ही कहाँ है, वह तो केवल विज्ञान का प्रयोग करना जानते है।
• पैसे न लेने वाला व सच्चा ज्योतिषी ही सही भविष्यवाणी कर सकता है।
- पता नहीं व्यक्ति किसी भी बात पर आसानी से कैसे विश्वास कर लेते है ! ज्योतिषी पैसे तो कुंडली देखने के बाद लेगा अर्थात ज्योतिषी द्वारा जो भी भविष्यवाणी की गई है वह उसने अपनी फीस लेने से पहले ही कर दी होती है, तो पैसे लेने के पश्चात वह गलत कैसे हो जायेगी ? ज्योतिषी भविष्यवाणी कुंडली पर सिद्धांत लगाकर करते है यदि सिद्धांत सही है तो भविष्यवाणी भी सही होगी उसका पैसे से कोई सम्बन्ध नहीं है।
• फलित ज्योतिष हमारे वेदों से निकला है।
- इस बात को कहने व मानने वाले व्यक्तियों ने वेद देखे भी नहीं होते है पढ़ना तो दूर की बात है। यदि उनसे प्रश्न किया जाए की पहला वेद कौन सा है, वेद कितने है, उनके नाम क्या है तो उन्हें गूगल बाबा की शरण में जाना पडेगा। ऐसे व्यक्तियों को चाहे कितनी भी बार क्यों न बताया जाए की फलित ज्योतिष का वेदों से कोई सम्बन्ध नहीं है और वेदों में राशियों तक का उल्लेख नहीं है, वह मानने से रहे और अपने तोता रटंत अंधविश्वास के साथ ही चिपके रहेंगे।
• ग्रह भविष्य बताते है, टोटके से प्रसन्न होते है।
- बिलकुल ! ग्रह भविष्य बताने के लिए ही तो बने है - हैलो ज्योतिषी भाई ! अरे मैं शनि बोल रहा हूँ तुम्हें पृथ्वी वासियों का भविष्य ई मेल किया था मिला क्या ! और सुनो कल जो उस व्यक्ति ने सवा किलो उड़द की दाल पानी में बहाई थी वह मेरे पास अब तक नहीं पहुँची है, पता करो कहाँ रह गई ! और एक बात, कल से जो भी व्यक्ति तुम्हारे पास आए उसे लोहा बहाने को मत बोलना यार बहुत कबाड़ इक्कठा हो गया है रखने की जगह नहीं बची है। 

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