जब भी ज्योतिष से सही एवं सटीक भविष्य बताने की बात आती है तो हमेशा सही ज्योतिषी का जिक्र होता है लेकिन सही ज्योतिष कौन है वह ज्योतिष पर विश्वास करने वाले व्यक्तियों में से कोई नहीं जानता है। उनके अनुसार सही ज्योतिषी की परिभाषा है - वह ज्योतिष जिसे ज्योतिष का सम्पूर्ण ज्ञान हो, फीस न लेता हो, त्रि-संध्या अगरबतियाँ राख करता हो, जिसकी छठी इंद्री जाग्रत हो, लालची न हो आदि - केवल ऐसा ज्योतिषी ही भविष्य के गर्भ में झाँकने की क्षमता रखता है जो उपरोक्त कसौटियों पर खरा उतरता हो वही सही एवं सटीक भविष्यवक्ता होता है। अब तक किसी भी व्यक्ति को वह सही ज्योतिषी नहीं मिला है जो सही भविष्य बता सकता हो तो सही ज्योतिषी के बारे में यह धारणा केवल अपने भाग्यवादी विचार व कर्महीन जीवन को सांत्वना देने तक ही सीमित रह गई है। इस विषय पर चर्चा से पूर्व सभी पाठकों को मैं यह बताना चाहूंगा कि ज्योतिष को किसी ज्योतिषी की गलत भविष्यवाणी, किसी ज्योतिषी के ज्ञान, लालची अथवा पैसे लेने/न लेने के कारण, ज्योतिष को बोगस नहीं कहा जा रहा है अपितु ज्योतिष के सिद्धांतों के आधार पर बोगस कहा जा रहा है। ज्योतिष में ऐसा कोई सही सिद्धांत नहीं है जिस से किसी व्यक्ति के भूत भविष्य की किसी भी घटना/विषय के बारे में सही व सटीक बताया जा सकता हो, क्योंकि ज्योतिष के सभी सिद्धान्त बोगस है, इसलिए किसी ज्योतिषी के सही होने का प्रश्न ही नहीं उठता है - जब विषय ही बोगस है सिद्धांतहीन है - तो सही ज्योतिषी कहीं पर नहीं है इसलिए यह केवल व्यक्ति का भ्रम मात्र है कि कहीं कोई सही ज्योतिषी है जो सही भविष्य बता सकता है। इस लेख में हम उपरोक्त कसौटियों पर ज्योतिषी को रखकर सही ज्योतिषी के सन्दर्भ में चर्चा कर यह समझने का प्रयास करेंगे कि वास्तव में ऐसा ज्योतिषी है।
• सही ज्योतिषी - वह जिसे ज्योतिष का सम्पूर्ण ज्ञान हो।
ज्योतिष के विषय में कहा जाता है कि यह ज्ञान का सागर है, यदि ऐसा है तो जैसा कि जाहिर है सागर को एक छोटी सी गागर (मस्तिष्क) में नहीं समाया जा सकता है ! इस तर्क से यह भी स्पष्ट होता है कि किसी भी ज्योतिषी को ज्योतिष के इस सागर का गागर भर से अधिक का ज्ञान नहीं हो सकता है। लेकिन दूसरी ओर इस विषय को विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया जा रहा है तो वि.वि. इस ज्ञान के सागर को गागर में बिना समाए प्रमाणपत्र नहीं प्रदान करता होगा, अब यदि किसी ज्योतिषी के पास वि.वि. की डिग्री है तो उसे ज्योतिष का संपूर्ण ज्ञान है यह माना जा सकता है लेकिन ज्योतिष की सत्यता और प्रमाणिकता पर प्रश्न करने पर वि.वि. से डिग्री प्राप्त ज्योतिषी ज्योतिष की सत्यता को सिद्ध करने में असमर्थता जता चुके है न ही वह सही भविष्य बताने का कोई सही सिद्धांत जानते है - तो क्या वि.वि. से ज्योतिष विषय में ही डिग्री प्राप्त ज्योतिषी को सही ज्योतिषी माना जाए तो क्यों ? जबकि वह सही भविष्य बताने का सही सिद्धान्त नहीं जानते है तो किस आधार पर उन्हें सही ज्योतिषी माना जाए?
• सही ज्योतिषी - वह ज्योतिषी जो फीस न लेता हो लालची न हो।
जब भी कोई व्यक्ति किसी व्यावसाय को अपनाता है तो वह धन कमाने के लिए ही अपनाता है मुफ्त में करेगा तो खायेगा क्या, इसलिए जब व्यक्ति ने ज्योतिषी बनने के लिए अपना समय व धन का व्यय किया है तो वह फीस भी लेगा। ज्योतिष उसका व्यावसाय है वह लालची है या न नहीं यह तो व्यक्ति की प्रकृति और स्वभाव पर निर्भर करता है वह अलग विषय है क्योंकि जब भी आप किसी दूकान से कोई वस्तु को खरीदते है तो चाहे दुकानदार ने अपने लालच के कारण काम आपसे वस्तु का दाम अधिक क्यों न लिया हो इस से खरीदी गई वस्तु की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता है वह वही रहेगी जो है। यही बात ज्योतिष पर भी लागू होती है यदि सिद्धांत सही है तो भविष्यवाणी हर कीमत पर सही होगी चाहे ज्योतिषी फीस के तौर पर एक रुपया ले या लाखों रुपये अथवा मुफ्त में ही क्यों न हो। ज्योतिषी के द्वारा पैसे लिए जाने और आपके द्वारा पैसे दिए जाने से सिद्धांत आधारित भविष्यवाणी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है न ही पड़ सकता है उसे हर कीमत पर सही होना ही है। यदि यह बात आपकी समझ से बाहर हो तो इस प्रश्न पर विचार करें कि - क्या मुफ्त में कुंडली देखने वाले सभी ज्योतिषी की प्रत्येक भविष्यवाणी सही ही होती है? यदि इस का उत्तर हाँ हो तो पैसे लेने वाले ज्योतिष को फीस आपने भविष्यवाणी सुनने के बाद अदा करनी होती है! फीस न लेने से वह सही होगी और पैसे लेने पर गलत हो जायेगी ? ऐसा मुमकिन नहीं है इसलिए अपने दिमाग पर जोर देकर विचार करें कि जब सिद्धांत ही सही नहीं है तो ज्योतिषी मुफ्त में भविष्य बताए या पैसे लेकर दोनों ही ठगी है।
• सही ज्योतिषी - जिसकी छठी इंद्री जागृत हो।
प्राचीन काल के ज्ञान अनुसार मनुष्य के पास केवल पांच ही ज्ञानेन्द्रियाँ थी इसलिए किसी असाधारण प्रतिभा वाले व्यक्ति को असाधारण माना गया जिनमे ज्योतिषी भी होते थे। भविष्य देखने, बताने (अर्थात मूर्ख बनाने) की क्षमता प्रत्येक व्यक्ति के पास तो होती नहीं थी अतः यह धारणा बन गई की भविष्य बताने वाले व्यक्ति के पास अवश्य ही कोई विशेष शक्ति होती है जिससे वह भविष्य बताते है। लेकिन जो व्यक्ति विज्ञान पर परिचित है वह जानते है कि मनुष्य के ज्ञानेन्द्रियों की संख्या अब 5 से कहीं अधिक हो चुकी है लेकिन आज भी उस अदृश्य छठी इंद्री को किसी परालौकिक शक्ति के रूप में ही देखा जाता है। छठी इंद्री अर्थात किसी अदृश्य परालौकिक शक्ति की ज्योतिष में तो कतई आवश्यकता नहीं है क्योंकि ज्योतिष सिद्धांतो का विषय है जो तत्कालीन ब्रह्माण्ड के ज्ञान के आधार पर बनाए गए थे जो आज गलत सिद्ध हो चुके है इसलिए छठी इंद्री की बात स्वयं को एक महान ज्योतिषी बताने के लिए बनाई गई है। स्वयं विचार करें की यदि किसी ज्योतिषी के पास कोई अलौकिक शक्ति हो जिससे भविष्य ज्ञात किया जा सकता हो, तो किसी का भी भविष्य बताने के लिए उसे कुंडली की आवश्यकता पड़ती ?
• सही ज्योतिषी - वह जो सही भविष्य बता दे।
पिछले दो हजार वर्षों के ज्योतिष के इतिहास में अब तक भी कोई भी ज्योतिषी ऐसा नहीं हुआ है जो सही भविष्य बता सकता हो/था। यह एक भ्रम मात्र है कि पुरातन काल में ऐसे ज्योतिषी होते थे जो सही भविष्य बताते थे यदि ऐसा होता तो भारत का इतिहास कुछ और ही होता। हमारे पूर्वज गुलाम भारत में पैदा नहीं होते, न ही भारत को विदेशी आक्रमणों का सामना करना पड़ता न ही हमारी बहुमूल्य धन सम्पदा देश से बाहर जाती आदि।
सही ज्योतिषी के विषय में इसके अलावा भी अनेक मान्यताएं है जो महज मान्यताएं ही है उनका वास्तविक जीवन में किसी ज्योतिषी से कोई सरोकार नहीं है। पूरा फलित ज्योतिष ही बोगस है इसलिए सही ज्योतिषी केवल ख्याली पुलाव है जिसे जितना चाहे स्वादिष्ट बनाकर चटखारे लेकर कितना ही खाया जाए उससे पेट नहीं भरता है। यदि आप सही ज्योतिषी की तलाश में भटक रहे है जो आपको आपका सही भविष्य बता दे तो आप हमेशा भटकते ही रहेंगे सही ज्योतिषी की आपकी तलाश कभी पूरी नहीं होने वाली है क्योंकि ऐसा कोई ज्योतिषी नहीं है जो ज्योतिष के बोगस सिद्धांतो से सही भविष्य बता दे। यह केवल व्यक्ति का भ्रम है कि कोई सही ज्योतिषी है जो भविष्य भी सही बता दे और ज्योतिष भी सही सिद्ध कर दे - जो कभी भी नहीं होने वाला है।

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