ज्योतिषी और उनके समर्थकों के अनुसार ग्रह मनुष्य के भविष्य को अपने गुरुत्व बल, किरणें, विकिरणें, चुम्बकीय शक्ति आदि द्वारा प्रभावित करते है अर्थात मनुष्य के जीवन के दैनिक कार्य जैसे की - शिक्षा, विवाह, स्वास्थ्य, संतान, व्यापार, नौकरी, आय-व्यय, धन-संपत्ति, मकान-जायदाद, लाभ-हानि, रोग, विदेश यात्रा आदि - को ग्रह अपने गुरुत्व बल, किरणें, विकिरणें, चुम्बकीय बल द्वारा प्रभावित करते है। तो मैं यह जानना चाहता हूँ की -
1- ग्रहों ने मनुष्य के दैनिक जीवन के अनेक कार्य/विषयों को अपने गुरुत्व बल, किरणें, विकिरणें व चुम्बकीय बल के अंतर्गत किस प्रकार से विभाजित किया है। (अर्थात - वह कौन कौन से कार्य/विषय है जो ग्रहों के गुरुत्व बल द्वारा प्रभावित होते है। वह कौन कौन से कार्य/विषय है जो ग्रहों की किरणों द्वारा प्रभावित होते है। वह कौन कौन से कार्य/विषय है जो ग्रहों के विकिरणों द्वारा प्रभावित होते है। वह कौन कौन से कार्य/विषय है जो ग्रहों के चुम्बकीय बल द्वारा प्रभावित होते है)। ग्रहों के प्रभाव के सम्बन्ध में प्रश्न करने पर ज्योतिषी और ज्योतिष समर्थक प्रायः गुरुत्व बल किरणें विकिरणें चुम्बकीय बल सभी के द्वारा भविष्य प्रभावित होने की बात करते है तो उसको देखते हुए यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है क्योंकि जितने ज्योतिषी उतने उत्तर। दूसरा प्रश्न है -
2 - गुरुत्व बल किरणें विकिरणें चुम्बकीय बल यह विज्ञान की खोज है और इसके बारे में विज्ञान से अधिक और कोई नहीं जानता है तो किस वैज्ञानिक या विज्ञान की किसी शाखा ने यह प्रमाणित किया है कि ग्रह मनुष्य के भविष्य को गुरुत्व बल, किरणें, विकिरणें, चुम्बकीय बल द्वारा प्रभावित करते है।
3 - ज्योतिष की किसी भी किताब (वृहद्पाराशर होराशास्त्र, भृगु संहिता, वृहद जातक आदि) में यह नहीं लिखा है कि ग्रह मनुष्य के भविष्य को अपने गुरुत्व बल किरणे, विकिरणें, चुम्वकीय बल आदि, द्वारा प्रभावित करते है न ही किसी ऋषि ने किसी शास्त्र में ऐसा लिखा है। तो आज के आधुनिक ज्योतिषीयों ने इस बात को कैसे और किस विधि से ज्ञात किया।
4 - राहु केतु का अन्य ग्रहों की तरह कोई अस्तित्व नहीं है, इसलिए उनका न कोई गुरुत्व है न चुम्बकीय बल न कुछ और तो जब आज के आधुनिक ज्योतिषी जब ग्रहों के प्रभाव की खोज कर रहे थे तो राहु केतु के प्रभाव को कैसे, किस विधि/प्रकार से ज्ञात किया गया - उनका भविष्य को प्रभावित करने का माध्यम क्या है।
5 - अरुण वरुण और यम यह तीन ग्रह हमारी ही आकाशगंगा में है। इन तीनों को किस कारण से मनुष्य के भविष्य को प्रभावित करने से वंचित किया गया जबकि इनका तो गुरुत्व बल आदि भी है।
6 - पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा का प्रभाव मनुष्य के भविष्य पर पड़ता है तो अन्य ग्रहों - मंगल वृहस्पति शनि - के अनेक उपग्रहों का भविष्य पर प्रभाव क्यों नहीं पड़ता है। यह किस प्रकार, किस विधि से ज्ञात किया गया था कि पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा का ही मनुष्य के भविष्य पर प्रभाव पड़ता है अन्य ग्रहों के उपग्रहों का नहीं।

- ग्रहों के मनुष्य के भविष्य के प्रभावित करने आए सम्बंधित इस प्रकार के अनेक प्रश्न हजारों ज्योतिषीयों से पूछे जा चुके है लेकिन कोई भी आचार्य पी.एच.डी डिग्री धारी आदि तथाकथित ज्योतिषी ग्रहों के प्रभाव (मनुष्य के भविष्य सम्बंधित) को सिद्ध नहीं कर पाएं है जिससे स्पष्ट है कि ज्योतिषी ग्रहों के द्वारा भविष्य प्रभावित करने के बारे में कुछ नहीं जानते है। ज्योतिषी नहीं जानते है कि पृथ्वी से करोड़ों किलोमीटर दूर से ग्रह किस प्रकार व किस माध्यम से मनुष्य के दैनिक जीवन के कार्य जैसे की - शिक्षा विवाह स्वास्थ्य धन संपत्ति आय-व्यय लाभ-हानि नौकरी व्यापार संतान रोग विदेश यात्रा कर्ज आदि - को किस प्रकार से प्रभावित करते है और जब तक ग्रहों का मनुष्य के भविष्य से सम्बंधित प्रभाव सिद्ध नहीं हो जाता है तब तक ज्योतिष व्यर्थ है उसके किसी सिद्धांत का कोई औचित्य नहीं है जब ग्रहों का ऐसा कोई प्रभाव ही नहीं होता जिससे मनुष्य का वर्तमान भविष्य प्रभावित होता है जो ज्योतिष व्यर्थ है उसके किसी भी सिद्धांत का कोई औचित्य नहीं है सब ठगी का धंधा है। मित्रों को चाहिए की वह किसी भी ज्योतिषी से अपने भविष्य से सम्बंधित प्रश्न करने से पहले ज्योतिष की सत्यता से सम्बंधित प्रश्न (जो ब्लॉग पर समय समय पर लिखे जा रहें है) किए जाने चाहिए यदि ज्योतिषी उपरोक्त प्रश्नों के सही व तर्कसंगत उत्तर (वैज्ञानिक प्रमाण सहित) दे दे तो सही है यदि सही उत्तर न दे पाए तो समझ लीजिए की आप ठगे जाने वाले है और ठगी का शिकार होने से पहले ही सतर्क हुआ जाए तो अच्छा रहता है - आखिर यह आपके भविष्य का प्रश्न है इसलिए ज्योतिष बोगस है यह समझकर ज्योतिष से दूर रहने में ही भलाई है।

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