भविष्यवाणी के गलत होने का कारण व्यक्ति की कुंडली (जन्म समय) का गलत होना नहीं वरन ज्योतिष के सिद्धांत ही है जो "स्थिर पृथ्वी के गिर्द (ऊपर) घूमते सभी ग्रह, पृथ्वी के निकट सूर्य और चन्द्रमा सूर्य से भी दूर" ब्रम्हांड की इस प्रकार की गलत जानकारी के आधार पर बनाए गए है। जिस विषय की रचना का आधार ही गलत हो वह सही नहीं हो सकता है इसलिए पूरा फलित ज्योतिष ही बोगस है। ज्योतिष के सिद्धांत कैसे बोगस है इसके लिए एक सिद्धांत का उल्लेख करना उचित रहेगा -
उदयति मृदु भांशे सप्तमस्थे च यदि भवति निषेक: सूतिरब्द त्रयेण।
शशिनि तु विधिरेष द्वादशे अब्दे प्रकुर्यान् निगदितम् इह चिन्त्य सूति काले अपे युक्त्या।।
भवार्थ:- यदि गर्भ धारण के समय मकर अथवा कुंभ राशि का नवांश उदय हो रहा हो तथा शनि की दृष्टि हो तो बच्चा 4 वर्ष पश्चात जन्म लेता है। यदि कटकांश का उदय हो रहा हो साथ मे चंद्रमा की दृष्टि हो तो गर्भ धारण के 12 वर्ष पश्चात जन्म होता है।।
जिन व्यक्तियों को ज्योतिष की शब्दावली समझ मे नहीं आती हो वह इसके सरल अर्थ को पढ़कर समझ सकते है कि यह सिद्धान्त कैसे बोगस है इसलिए इस श्लोक का विस्तृत विश्लेषण करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह किसी भी प्रकार से सम्भव ही नहीं है कि गर्भधारण के 4 या 12 वर्ष के पश्चात बच्चे का जन्म हो। यह सिद्धान्त न तो मैंने बनाया है न ही आज के किसी ज्योतिषी ने, यह सिद्धान्त है आचार्य वराहमिहिर की पुस्तक वृहद जातक का लेकिन आप इसी सिद्धान्त को किसी ज्योतिषी के सामने रखकर कहें की यह बोगस है तो वह इसे भी सही कहेंगे क्योंकि यदि बोगस कहा तो धंधे पर प्रश्नचिन्ह लग जाएगा जो ठगी का ही है तो एक ठग कभी यह स्वीकार नहीं करता है की वह ठगी कर रहा है चाहे उसके ठगी के धंधे के पक्ष मे अनेक तर्क व तथ्य सहित प्रमाणित क्यों न किया जाए। यदि आप उपरोक्त सिद्धान्त को पढ़ें तो उसमे गर्भ धारण के समय की बात कही गई है लेकिन जब जन्म का सही समय ही नहीं पता है तो गर्भ धारण के सही समय के बारे मे तो वैसे भी सही-सही ज्ञात नहीं किया जा सकता है (आज के आधुनिक युग मे जब समय मापने के सटीक यंत्र व सूक्ष्म इकाई उपलब्ध है गर्भ धारण के सटीक समय को ज्ञात नहीं किया जा सकता है तो उस समय मे ज्ञात करने का प्रश्न ही नहीं उठता है) अतः सिद्धान्त भी सही नहीं बनाया जा सकता है। परंतु यह सिद्धान्त बनाने के लिए आवश्यक था की किसी स्त्री (कम से कम एक) का गर्भ काल 4 व 12 वर्ष हो उसके पश्चात ही ज्योतिषीय दृष्टिकोण से किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता था लेकिन ऐसा होना संभव था/है यह भी एक प्रश्न है जिसका उत्तर नहीं में ही होगा। क्योंकि चिकित्सा विज्ञान के अनुसार ऐसा होना सम्भव ही नहीं है तो सिद्धांत बोगस है मकर और कुंभ राशि का नवांश उदय तो आज भी होता है राशि में स्थिति अनुसार शनि की दृष्टि भी होती है ज्योतिष के गणित अनुसार 26 मिनट के लिए यह ग्रह स्थिति बनी रहती है तो उन 26 मिनट में जन्म लेने वाले हजारों शिशुओं का गर्भ काल 4 वर्ष का होगा? जाहिर है कि किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं हो सकता है जिससे स्पष्ट होता है कि सिद्धांत गलत नहीं वरन बोगस है।
अब आप जब भी किसी ज्योतिषी के पास जाएं तो जन्म समय सही करवाने के लिए हजारों रुपये देने से पहले ज्योतिषी से प्रश्न करें की जन्म का सही समय कौन सा होता है यदि वह सही तर्क व तथ्य रखकर जन्म का सही समय सिद्ध न कर पाए तो समझ लीजिए आप ठगी का शिकार बनने वाले है। यदि किसी ज्योतिषी ने प्रमाणित कर दिया तो उसे ग्रुप में आमंत्रित करे जिससे हम भी यह जान सके की गलत जन्म समय, गलत कुंडली पर बोगस सिद्धांत लगाकर पर सही भविष्यवाणी कैसे की जा सकती है।

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