सही भविष्यवाणी के लिए कुंडली का सही होना आवश्यक है और सही कुंडली के लिए जन्म समय का सही होना आवश्यक है यह बात ज्योतिषीयों द्वारा कही जाती है। अनेक ज्योतिषी तो एक मिनट के अंतर को भी बहुत बढ़ा चढ़ा कर पेश करते है कुछ तो यह तक कहते मिल जायेंगे की कुछ सेंकेड के अंतर से भी भविष्यवाणी में अंतर आ जाता है जोकि वास्तव में भ्रमित करने के लिए ही कही जाती है। यदि आप यह विचार कर रहें है कि बच्चे के जन्म की प्रकिया - सिर दिखने से लेकर पूरी तरह से जन्म लेने, नाल काटने व रोने आदि तक - के समय से कुंडली में ग्रह स्थिति में कितना अंतर पडेगा, तो वह अंतर मामूली होगा (भविष्यवाणी की दृष्टि से नगण्य) क्योंकि लग्न दो घंटे तक रहता है और बच्चे के जन्म की प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति में केवल लग्न बदलनेे की स्थिति में ही अंतर पड़ेगा इसके अलावा किसी ग्रह के राशि परिवर्तन और नक्षत्र बदलने की स्थिति में भी कुंडली में भिन्नता संभावित है। चूँकि बच्चे के जन्म की प्रक्रिया कुछ ही मिनटों की होती है इसलिए जन्म का समय कोई भी लिया जाए आधिकांश बच्चों की कुंडली में कोई विशेष अंतर नहीं पड़ेगा। बच्चे के जन्म समय (सिर दिखने, पूरी तरह से जन्म लेने, नाल काटने आदि) की प्रक्रिया में लगने वाले समय में कुंडली में जो भी अन्तर पडेगा वह इतना अधिक नहीं होगा की उसके कारण भविष्यवाणी ही गलत हो जाए। यदि अब आप विचार कर रहे हैं की यदि ऐसा है तो ज्योतिषी भविष्यवाणी के गलत होने पर सारा दोष जन्म समय के सही न होने को क्यों देते है ! इस प्रश्न का उत्तर है कि ज्योतिष के सभी सिद्धांत बोगस है और यह बात व्यक्ति को नहीं बताई जा सकती है इसलिए भविष्यवाणी गलत होने पर कुंडली ही गलत होने पर सारी बात डाल कर जन्म समय को गलत करार दे दो और ज्योतिष को बचा लो जबकि जन्म का सही समय कौन सा होता है वह स्वयं भी नहीं जानते है। यहां पर जन्म के सही समय से आशय है जन्म का वास्तविक समय जो सिर दिखाई देने से लेकर रोने तक का है, में से कौन सा लिया जाए इस बात से है। जन्म का समय सही कुंडली का आधार है वह सही होगा तो व्यक्ति की कुंडली भी सही होगी लेकिन जैसा की आपने पढ़ा कि ज्योतिष सिद्धांतो के रचयिता आचार्य भी जन्म के वास्तविक समय के बारे में अनिर्णय की स्थिति में थे तो जन्म का वास्तविक समय कौन सा लिया जाना चाहिए यह स्थिति आज भी स्पष्ट नहीं होने से ज्योतिषी मन माफिक समय लेकर कुंडली बना रहे है और किसी भविष्यवाणी के गलत होने पर उसी समय को गलत करार दे कर मूर्ख बना रहे है। कुंडली की सटीकता के लिए यदि हम जुड़वा बच्चों के परिपेक्ष्य में चर्चा करे तो ज्ञात होता है कि जुड़वा बच्चों की कुंडली एक सी ही होती है जबकि उनके जन्म में कुछ मिनट का अंतर होता है लेकिन एक जैसी कुंडली होने के पश्चात भी दोनों का भविष्य एक जैसा न होकर भिन्न होता है जो इस बात का प्रमाण है व्यक्ति का भविष्य का ग्रहों से कोई सम्बन्ध नहीं है और जब सम्बन्ध ही नहीं है तो जन्म का समय कितना सटीक क्यों न हो भविष्य ज्ञात होने वाला नहीं है (यह बात अलग है कि सिर दिखने से लेकर, पूरी तरह से जन्म लेने, नाल काटने व रोने तक के समय में से कौन सा समय लिया जाए जो सही हो यह ज्योतिषी नहीं जानते है) लेकिन यह भी कटु सत्य है कि जन्म का वास्तविक/सही समय ज्ञान न होने के पश्चात भी कुंडली बनाई जा रही है, ज्योतिषी और जातक के अनुसार भविष्यवाणी भी सही हो रही है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है गलत जन्म समय के आधार पर बनी गलत कुंडली पर से भविष्यवाणी सही कैसे की जा सकती है इस बात को समझा जा सकता है जिससे स्पष्ट होता है कि सब मूर्ख बनाकर ठगने के तरीके है यदि संयोग से जातक के बारे में कोई बात सही निकल आए तो जन्म समय सटीक यदि बात सही न निकले तो जन्म समय गलत और व्यक्ति अपना भविष्य जानने के लिए जन्म समय सही करवाने के चक्कर में हजारों रुपये व्यर्थ में ही गवां देते है।

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