यदि हम लोग (अर्थात ज्योतिष विरोधी) फलित ज्योतिष को बोगस कह रहे है तो वह भी अच्छी तरह से उसे पढ़ने के बाद ही ज्योतिष को बोगस कहा जा रहा है और यदि ज्योतिष से अंजान व्यक्ति भी इसे बोगस कह रहे है तो इससे विषय की सत्यता अथवा बोगस होने से कोई अंतर नहीं पङता है क्योंकि ज्योतिष को सही सिद्ध करने का काम ज्योतिषीयों का है, फलित ज्योतिष के पक्षधर का है न कि ज्योतिष विरोधियों का। इसलिए यह कह देने मात्र से की "ज्योतिष का विरोध करने वालो को ज्योतिष का ज्ञान नहीं है अतः ज्योतिष सही है" ज्योतिष सही सिद्ध नहीं हो जाता है। इसी तर्क पर एक चोर भी अपने चोरी के कार्य को सही करार दे सकता है यह कहते हुए की "तुम्हे चोरी करना नहीं आता इसलिए चोरी करना सही है" ज्ञान तो चोरी करने का भी होता है और चोर बनने के लिए उसे सीखना ही पड़ता है परन्तु इस से चोरी करने के कार्य को सही तो नहीं कहा जा सकता है। इसी तरह से फलित ज्योतिष है, वह सीखने पढ़ने से सही नहीं हो जाता है जब तक कि विषय-वस्तु सही न हो। फलित ज्योतिष को बोगस इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसमें एक भी सही सिद्धांत नहीं है जो सही भविष्य बता सकता हो, फलित ज्योतिष की रचना का आधार ही पूर्णतया गलत है जो - स्थिर व चपटी पृथ्वी के ऊपर घूमते सूर्य चंद्रमा आदि सभी ग्रह, पृथ्वी के निकट सूर्य और चंद्रमा सूर्य से भी दूर - ब्रह्मांड के विषय में इस प्रकार के ज्ञान पर आधारित फलित ज्योतिष के सभी आधारभूत सिद्धांत जैसे कि राशि स्वामी, ग्रहों की दृष्टि, उनके नीच उच्च, मूल त्रिकोण, कारक तत्व, दशा वर्ष आदि सभी सिद्धांत बोगस है। ब्रह्मांड में ग्रहों के बारे में जिस प्रकार के ज्ञान के आधार व जिस प्रक्रिया के तहत सिद्धांत बनाए गए थे वह सही नहीं है जब आधार ही सही नहीं है तो इसके बाद की प्रक्रिया का भी कोई औचित्य नहीं रह जाता है। अब यह ज्योतिषीयों का दायित्व बनता है कि वह ग्रुप में उपस्थित मित्रों को बताएं कि जिस ज्योतिष को वह सही व विज्ञान कहते है, चर्चा कर सही सिद्ध करे। हालांकि ज्योतिषी स्वयं जानते है कि ज्योतिष बोगस विषय ही है इस पर चर्चा कर अपने ठगी के धंधे की पोल क्यों खुलवाई जाए, इसलिए कोई ज्योतिषी ज्योतिष के सही होने के पक्ष में एक शब्द भी नहीं लिख रहे है। सभी मित्र जो ज्योतिष पर हो रही चर्चा को पढ़ रहें है उनके दिमाग मे यह प्रश्न भी आते होगें कि ज्योतिषी किसी भी प्रश्न का सही उतर क्यों नहीं दे पाते है, क्या ज्योतिषीयों से ऐसे प्रश्न किए जाते है जो ज्योतिष से बाहर है, अथवा उन्हें ज्योतिष का ज्ञान ही नहीं है, विश्वविद्यालय से आचार्य Phd की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात भी ज्योतिषी ज्योतिष की सत्यता के संबंध में किए गए किसी भी प्रश्न का उतर पता क्यों नहीं है आदि। इन प्रश्नों का सही उतर है कि ज्योतिष बोगस है इसलिए ज्योतिषी न तो प्रश्नों के उत्तर जानते है न इसे सही सिद्ध कर सकते है न ही कभी कर पाएगें क्योंकि एक बोगस विषय को सही सिद्ध नहीं किया जा सकता है। ज्योतिष के सभी मूल सिद्धांत - राशिस्वामी, ग्रहों की दृष्टि, उच्च नीच, मूल त्रिकोण, कारक तत्व, दशा-अंतर्दशा आदि - वर्तमान में ज्योतिष का कार्य रहे किसी ज्योतिषी ने नहीं बनाए है न ही ज्योतिष की किसी पुस्तक मे इनके बनाए जाने की प्रक्रिया का वर्णन है इसलिए ज्योतिषी भी नहीं जानते है कि सिद्धांत किस प्रकार की जानकारी व कौन सी प्रक्रिया से बनाए गए थे अतः इन प्रश्नों के उत्तर वह नहीं जानते है। ज्योतिष के विषय मे किसी भी सिद्धांत को सही कहने से पूर्व उनके बनाए जाने की प्रक्रिया जानकारी का ज्ञान होना आवश्यक है तभी सिद्धांत की सत्यता की जांच कर उसे सही कहा जा सकता है लेकिन ज्योतिषीयों को ज्योतिष के किसी एक सिद्धांत के बनाए जाने की प्रक्रिया/आधार का ज्ञान भी नहीं है वह केवल अपने ठगी के धन्धे को चलाए रखने के लिए सभी सिद्धांतो को सही कहते है। ऐसा नहीं है कि ज्योतिषीयों को ज्योतिष का ज्ञान नहीं है यह हो सकता है कि किसी को कम और किसी को अधिक हो परन्तु वह ज्ञान केवल ठगी के धन्धे तक ही सीमित है इससे अधिक नहीं। इसलिए उन्हें यह तो पता है कि मेष राशि का स्वामी मंगल है लेकिन क्यों है, किस आधार पर बनाया गया था इसका ज्ञान नहीं है अधिकतर तथाकथित बङे ज्योतिषी यह जानते है कि ज्योतिष बोगस है क्योंकि उन्होने ज्योतिष का गहन अध्ययन किया हुआ है इसलिए वह जानते है कि ग्रहों का मनुष्य के भूत भविष्य पर कोई प्रभाव नहीं पङता है न ही ज्योतिष के सिद्धांतो का कोई औचित्य है लेकिन वह यह बात आपको कभी नहीं बताएगें क्योंकि जब आसानी से बेवकूफ बनाकर धन कमाया जा सकता हो तो कोई ऐसे धन्धे पर ज्योतिषी क्यों लात मारेगें।
ज्योतिषी जब फलित ज्योतिष को विज्ञान सिद्ध करने में असफल रहते है तो अपने ठगी के धंधे को बचाए रखने के लिए फलित ज्योतिष का संबंध वेद पुराण धार्मिक ग्रथों से जोड़ देते है जिससे कि कोई भी व्यक्ति उनके ठगी के धंधे अर्थात फलित ज्योतिष पर प्रश्न नहीं करे और उनका ठगी का धंधा बे-रोक टोक चलता रहे। लेकिन फलित ज्योतिष का किसी भी वेद पुराण से सम्बन्ध ही नहीं है न तो फलित ज्योतिष का उल्लेख किसी वेद पुराण मे किया गया है, न ही फलित ज्योतिष के सिद्धांतों का वर्णन वेद पुराणों में किया गया है तो इन्हें फलित ज्योतिष से जोड़ने का कोई औचित्य नहीं है लेकिन यदि किसी ज्योतिषी को फिर भी फलित ज्योतिष के पक्ष में वेद पुराण आदि की आवश्यकता पड़ती है, तो ज्योतिष विषय तक ही सीमित रहते हुए चर्चा की जानी चाहिए लेकिन ज्योतिषी ऐसा न करके चर्चा को वेद पुराण धार्मिक ग्रंथ भगवान आदि की ओर मोड़ने का अनावश्यक प्रयास करते है। यह पहली बार नहीं है कि ज्योतिषी ऐसा करते है सदियों से ज्योतिष का धंधा धर्म की आड़ में वेद पुराण व ऋषियों के नाम पर किया जा रहा है और इस कारण आज भी चल रहा है बल्कि कहा जाना चाहिए कि ज्योतिषीयों को (अनावश्यक) धार्मिक सरंक्षण प्राप्त है इस कारण ठगी का धंधा फल फूल रहा है।
ज्योतिषीयों द्वारा ज्योतिष विरोधियों से व्यर्थ के प्रश्न किये जाना भी उनकी अज्ञानता को दर्शाता है क्योंकि ज्योतिष को ज्योतिष विरोधियों ने सही साबित नहीं करना है अतः उनसे किए गए व्यर्थ के प्रश्नों का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है। ज्योतिषी की व्यर्थ की बातों से से जाहिर है कि उन्हें ज्योतिष का ज भी नहीं आता है वह सब के सब पोंगा पंडित है जो व्यक्ति को मूर्ख बना कर ठग रहें है बोगस योग दोष के नाम पर डराकर लूट रहें उनके अशुभ प्रभाव को ठीक करने के नाम पर हजारों लाखों रुपये लेकर व्यक्ति के अथक परिश्रम की कमाई डकार रहें है ऐसे पोंगा पंडितों से दूर रहने में ही भलाई है। फलित ज्योतिष एक बोगस विषय है, हो सकता है कि अभी तक आप इस बात को समझ नहीं पाए हों और किसी "सही ज्योतिषी" की तलाश कर रहे हों जो आपका सही भविष्य बता दे जो आपको कभी नहीं मिलेगा क्योंकि ज्योतिष में ऐसा कोई सही सिद्धांत नहीं है जिससे सही भविष्य ज्ञात किया जा सकता हो। लेकिन किसी भी ज्योतिषी के पास भविष्य दिखाने के लिए जाने से पूर्व इस बात पर अवश्य विचार करें कि इस ग्रुप में हजारों ज्योतिषी है और हजारों आकर जा चुके है तथा हजारों ऐसे भी है जिनकी इस ग्रुप में आने तक की हिम्मत नहीं हो रही है उनमें से एक भी ज्योतिषी ज्योतिष को सही सिद्ध नहीं कर पाया है - तो क्यों? कारण स्पष्ट है कि ज्योतिष बोगस है इसलिए आप चाहें भले ही ज्योतिष को सही मानकर सही ज्योतिषी की अपनी तलाश जारी रखें वह आपको कहीं नहीं मिलने वाला - हर जगह ठगे ही जायेंगे।
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